थलसेना प्रमुख बिपिन रावत ने पीएम मोदी के 'रडार थ्योरी' का किया बचाव, कहा- ऐसा कभी-कभी होता है
By भाषा | Published: May 26, 2019 07:58 PM2019-05-26T19:58:08+5:302019-05-26T20:15:29+5:30
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने हवाई हमले को इसलिए अंजाम दिया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सीमा पार प्रशिक्षित किए जा रहे आतंकवादी भारत के खिलाफ कोई कदम उठाने के लिए बचें ही नहीं।
उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पत्रकारों से बातचीत में कश्मीर में आतंकवाद के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जनरल रावत ने कहा, ‘‘विभिन्न सरकारी एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के जरिए..अब एनआईए ने दखल दिया है...प्रवर्तन निदेशालय ने दखल दिया है...और सभी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि आतंकवादियों को उपलब्ध वित्तपोषण और धनराशि बिल्कुल खत्म कर दी जाए।’’
उन्होंने यह भी कहा कि वहां हालात काबू में कर लिया गया है। रावत ने कहा कि देश आजादी के बाद से ही आतंकवाद का सामना कर रहा है और सुरक्षा बल एवं उनका समर्थन कर रही सभी एजेंसियां इस चुनौती का डटकर मुकाबला कर रही हैं।
आतंकवाद पर लगाम
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने में सफल रहे हैं कि आतंकवाद पर काबू पाया जाए। निश्चित तौर पर, कश्मीर घाटी में हम आतंकवाद में उतार-चढ़ाव देखते रहे हैं।’’ जनरल रावत ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें हमारे पश्चिमी पड़ोसी से समर्थन मिलता है। वहीं, कई लोग आतंकवादियों की ओर से चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान के कारण भी भटक जाते हैं। लेकिन हमने हालात को काबू में किया है।’’
थलसेना प्रमुख कल भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल एवं 10 अंतरराष्ट्रीय कैडेटों के 264 प्रशिक्षुओं के पासिंग-आउट परेड की समीक्षा करने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। प्रधानमंत्री मोदी की ‘रेडार’ वाली टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि कुछ रेडार अपने काम करने के तरीके के कारण बादलों के पार नहीं देख पाते।
रडार की क्षमता अलग-अलग
उन्होंने कहा, ‘‘अलग-अलग प्रौद्योगिकियों से काम करने वाले विभिन्न प्रकार के रेडार हैं। कुछ में बादलों के पार देखने की क्षमता होती है जबकि कुछ में ऐसी क्षमता नहीं होती। कुछ रेडार अपने काम करने के तरीके की वजह से बादलों के पार नहीं देख पाते। कभी-कभी ऐसा हो सकता है, कभी-कभी नहीं हो सकता।’’
मोदी ने हाल में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि खराब मौसम के कारण जब कुछ रक्षा विशेषज्ञ उन्हें बालाकोट हमले की तारीख टालने को कह रहे थे, तो उन्होंने अपनी ‘‘थोड़ी-बहुत समझ’’ के आधार पर 26 फरवरी को ही हमला करने को कहा ताकि पाकिस्तान के रेडार भारतीय विमानों की गतिविधियां पकड़ नहीं पाएं।