स्वच्छ भारत मिशन के तहत फिलहाल नहीं होगा बायो टॉयलेट का निर्माण
By भाषा | Published: July 15, 2019 02:51 PM2019-07-15T14:51:13+5:302019-07-15T14:51:13+5:30
जल शक्ति मंत्री ने कहा- सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि जिन गांवों को खुले में शौच (ओडीएफ) की समस्या से मुक्त घोषित किया गया है उनमें भूमिगत जल के दूषित होने की दर में गैर ओडीएफ घोषित गांवों की तुलना में 12 गुना गिरावट दर्ज की गयी है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत ट्विन पिट तकनीक पर आधारित शौचालयों को निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के तहत बायो टॉयलेट बनाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि पानी की खपत के लिहाज से बेहतर माने गये बायो टॉयलेट का प्रयोग रेलगाड़ियों में किया जा रहा है।
उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान में भी जलसंकट से प्रभावित तेलंगाना में इस तकनीक पर आधारित शौचालय बनाने के प्रस्ताव से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि राज्य सरकार से प्राप्त सूचना के मुताबिक, बायो टॉयलेट के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव नहीं है।
किसी अन्य राज्य से भी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय पिछले ढाई साल से देश भर में ट्विन पिट तकनीक वाले शौचालयों के निर्माण को बढ़ावा दे रहा है।
इस योजना में बने शौचालयों के प्रयोग के बारे में शेखावत ने बताया कि इस दिशा में किये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, 95 प्रतिशत शौचालयों का प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि जिन गांवों को खुले में शौच (ओडीएफ) की समस्या से मुक्त घोषित किया गया है उनमें भूमिगत जल के दूषित होने की दर में गैर ओडीएफ घोषित गांवों की तुलना में 12 गुना गिरावट दर्ज की गयी है।