बीजापुर मुठभेड़ः ‘कोबरा’ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को 6 दिन बाद नक्सलियों ने रिहा किया, जानें मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 8, 2021 07:38 PM2021-04-08T19:38:25+5:302021-04-08T21:43:13+5:30

बीजापुर मुठभेड़ः घटना के बाद से सीआरपीएफ 210 कोबरा बटालियन का जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता थे।

Bijapur encounter Naxalites release 'Cobra' commando Rakeshwar Singh Manhas after 6 days | बीजापुर मुठभेड़ः ‘कोबरा’ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को 6 दिन बाद नक्सलियों ने रिहा किया, जानें मामला

सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को रवाना किया गया था।

Highlightsकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ का दौरा किया था।रायपुर के अस्पतालों में भर्ती घायल जवानों से भी मुलाकात की थी।टेकलगुड़ा और जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी थी।

रायपुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हाल में हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किये गए एक ‘कोबरा’ कमांडो को बृहस्पतिवार को रिहा कर दिया गया।

आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई के लिये राज्य सरकार द्वारा दो प्रमुख लोगों को नक्सलियों से बातचीत के लिये नामित किये जाने के बाद रिहा कर दिया गया। राज्य सरकार द्वारा नामित दो सदस्यीय दल में एक सदस्य जनजातीय समुदाय से थे।

अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू के रहने वाले जवान को बीजापुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के तारेम शिविर लाया जा रहा है। बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर तीन अप्रैल को नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले के बाद हुई मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी जबकि 31 अन्य घायल हो गए थे।

लापता जवान की तलाश के दौरान मंगलवार को माओवादियों ने एक कथित बयान जारी कर जवान राकेश्वर के अपने कब्जे में होने की जानकारी दी थी तथा कहा था कि राज्य सरकार जवान को रिहा कराने के लिए मध्यस्थों के नामों की घोषणा करे। बयान में माओवादियों ने कहा है कि तब तक जवान को वह अपने कब्जे में रखेंगे। माओवादियों ने इसके अलावा कोई अन्य मांग नहीं की है।

नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुए कमांडो की पत्नी ने इसे जीवन का सबसे खुशी का पल करार दिया

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए ‘कोबरा’ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की मुक्ति की खबर के बाद बृहस्पतिवार को जम्मू स्थित उनके घर पर पसरा सन्नाटा उत्सव में बदल गया। मन्हास की पत्नी ने इसे जीवन का सबसे खुशी का पल करार दिया।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किये गए 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास को जब एक न्यूज चैनल पर एम्बुलेंस से उतरते देखा गया तो उनके परिवार के सदस्यों के आंसू छलक आए।

मन्हास की पांच वर्षीय बेटी को मोबाइल फोन पर अपने पिता की तस्वीर को चूमते हुए देखा गया। जम्मू-अखनूर रोड पर स्थित बुरनाई में मन्हास की पत्नी मीनू ने अपने घर पर संवाददाताओं से कहा, '' यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल है। मुझे हमेशा ही उनकी वापसी का पूरा भरोसा रहा। मैं केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार का धन्यवाद करना चाहती हूं। साथ ही उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं जोकि परीक्षा की इस घड़ी में हमारे साथ खड़े रहे।'' 

Web Title: Bijapur encounter Naxalites release 'Cobra' commando Rakeshwar Singh Manhas after 6 days

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