बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने बयान पर कायम, कहा- "मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं..."

By एस पी सिन्हा | Published: January 13, 2023 05:42 PM2023-01-13T17:42:49+5:302023-01-13T17:42:49+5:30

बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं, जो हमें यह कहता है की जाति विशेष को छोड़ कर बाकी सभी नीच हैं।

Bihar's Education Minister Chandrashekhar stood by his statement, said- "I oppose that Ramcharitmanas..." | बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने बयान पर कायम, कहा- "मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं..."

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने बयान पर कायम, कहा- "मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं..."

Highlightsधमकी मिलने पर शिक्षामंत्री ने कहा कि कृष्णवंशी हूं, किसी भी तरह की कार्रवाई से डरनेवाला नहीं हूं शिक्षा मंत्री ने कहा कि कि राम व रामचरितमानस दोनों में जमीन आसमान का अंतर हैकहा- मैं उस श्री राम की पूजा करता हूं जो माता शबरी के जूठे बेर खाते हैं

पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने एक बार फिर कहा कि वह अपना बयान वापस नहीं लेने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं, जो हमें यह कहता है की जाति विशेष को छोड़ कर बाकी सभी नीच हैं। जो हमें शूद्र और नारियों को ढोलक के समान पिट पिट कर साधने की शिक्षा देता है! जो हमें गुणविहीन विप्र की पूजा करने एवं गुणवान दलित, शूद्र को नीच समझ दुत्कारने की शिक्षा देता है।

डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि कृष्णवंशी हूं, किसी भी तरह की कार्रवाई से डरनेवाला नहीं हूं। कौन साधु संत आशाराम बापू से माफी मांगू, कौन परमहंस से माफी मांगू, जिन्हें मैट्रिक वालों से ज्ञान लेना होगा। जो संत जीभ काटनेवाले को 10 करोड़ देने का फतवा जारी करता है, उसे बता देता हूं कि कृष्णवंशी हूं डरनेवाला नहीं हूं। 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि कि राम व रामचरितमानस दोनों में जमीन आसमान का अंतर है! मैं उस श्री राम की पूजा करता हूं जो माता शबरी के जूठे बेर खाते हैं, जो मां अहिल्या के मुक्तिदाता हैं, जो जीवन भर नाविक केवट के ऋणी रहते हैं। जिनकी सेना में हाशिये के समूह से आने वाले वन्यप्राणी वर्ग सर्वोच्च स्थान पर रहते हैं।

उन्होंने कहा कि राम शबरी के जुठे बैर खाकर सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं। अब आप बताइए और सोचिए इतने उदारवादी और समाजवादी राम अचानक से रामचरितमानस में आकर शूद्रों को ढोलक की तरह पीटकर साधने की बात क्यों करने लगते हैं? इस फर्जी पुस्तक से किसे फायदा पहुंच रहा है? सवाल तो करना होगा न!! 

डॉ. चंद्रशेखर ने जीभ काटने की धमकी पर संत को खुलेआम चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप जीभ काटने का हौसला रखते तो देश के किसी कोने में बुला लो, हर चीज को मुंहतोड़ जवाब देने वाला हूं। मैं उस वंश का और उस खानदान का हूं। उन्होंने कहा कि मैं हनुमान और राम का भक्त हूं, मगर तुलसीदास दूबे ने रामचरित मानस के खंड में गलत चौपाई लिखी। मैं उसका विरोध करता हूं और देश के किसी कोने में शास्त्रार्थ को तैयार हूं। मैं उस रामचरित मानस में उस चौपाई को छांट कर पढ़ता हूं। 

डॉ. चन्द्रशेखर ने कहा कि मेरा बयान बहुजनों के हक में है और मैं उस पर अडिग व कायम रहूंगा। ग्रंथ की आड़ में गहरी साजिश से देश में जातीयता व नफरत का बीज बोने वाले बापू के हत्यारों के प्रतिक्रिया की परवाह नहीं करता। अगर सत्य बोलना रिस्क है तो मैंने रिस्क लिया है। हमारी पार्टी और नेता हमें माफी मांगने नहीं बोल सकते हैं। 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे मंत्री पद जाने का जरा भी डर नहीं हैं। हम उस मिट्टी के बने हैं कि कभी डरनेवाला नहीं है। सुंदरकांड और उत्तरकांड का विरोध करता रहूंगा। लोग आज हमें ज्ञान दे रहे हैं। मैंने बिल्कुल सत्य बोला है।

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