नेपाल के बांध मरम्मत कार्य रोकने से बिहार में बाढ़ का खतरा, CM नीतीश ने बुलाई हाई लेवल बैठक
By पल्लवी कुमारी | Published: June 23, 2020 12:06 PM2020-06-23T12:06:46+5:302020-06-23T12:06:46+5:30
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने नेपाल द्वारा बांध के काम रोके जाने पर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि लाल बकेया नदी पर 500 मीटर लंबे तटबंध तक भी नहीं पहुंचने दिया जा रहा है।
पटना: नेपाल ने सीमा विवाद को लेकर भारत की ओर से किए जा रहे बांध मरम्मत के कार्य को रोक दिया है। जिससे बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिसके बाद आज (23 जून) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक हाई लेवल बैठक बुलाई है। सीएम नीतीश की ओर से बुलाई गई बैठक में राज्य के जल संसाधन विभाग और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में नीतीश कुमार अधिकारियों के साथ विकल्प पर चर्चा करेंगे। बिहार के अफसरों की ओर से बातचीत की पेशकश को भी नेपाल ने ठुकरा दिया है।
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने सोमवार (22 जून) को कहा कि पड़ोसी देश नेपाल द्वारा लगाए गए अवरोधकों के कारण भारत-नेपाल सीमा पर तटबंधों के मरम्मत कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
Bihar: Chief Minister Nitish Kumar has called for a high-level meeting today with State Water Resources Department and other officers, over Nepal obstructing Bihar govt from flood prevention-related work pic.twitter.com/AQiuh4ZQiy
— ANI (@ANI) June 23, 2020
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा- राज्य पर कोई '' तात्कालिक खतरा" नहीं
संजय झा ने कहा, गंडक बैराज में कुल 36 फाटक हैं, जिनमें से आधे हमारे किनारे पर हैं। हमारे अभियंताओं और उनके सहायकों द्वारा इनकी मरम्मत पूरी कर ली गई है। शेष 18 फाटकों का रखरखाव भी हमारे द्वारा किया जाता है। इन फाटकों के लिए दूसरी तरफ जाने की अभियंता और उनके सहायकों ने कोशिश की, तो वहां बैरिकेड लगे पाए।
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा, इससे बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए "कोई तात्कालिक खतरा" नहीं, पर सभी 36 फाटकों के लिए काम पूरा हो जाना जरूरी था क्योंकि राज्य नीचे की ओर स्थित है और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी जल-जमाव के कारण तटबंध प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है।
जानिए इस पूरे मामले पर नेपाल का क्या पक्ष है?
नेपाली अधिकारियों का मानना है कि यह नोमैंस लैंड में पड़ता है पर यह (मड स्ट्रक्चर) संरचना तीन दशकों से है। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि बिहार के अधिकारियों को इसी प्रकार से कमला नदी तटबंध की मरम्मत का काम पूरा करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी के कारण तुरंत समस्या नहीं होगी लेकिन बाढ़ की चपेट में आने की आशंका चार महीने तक बनी रहेगी। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो राज्य को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, हमारे संबंधित जिलाधिकारी नेपाल में अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि गतिरोध को सौहार्दपूर्वक हल किया जा सके। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दोनों ओर से सीमा पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। मंत्री ने कहा, नेपाल के कई हिस्सों में हालांकि अभी भी लॉकडाउन जारी है पर हमें नहीं पता कि लंबे समय से चल रहे हमारे मरम्मत कार्यों के बारे में उन्होंने समस्या क्यों उठाई हैं।