बिहार के औरंगाबाद में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, 35 हजार रिश्वत लेते बीसीओ अंकेश पासवान अरेस्ट, जानिए क्या है मामला
By एस पी सिन्हा | Published: November 26, 2020 04:07 PM2020-11-26T16:07:21+5:302020-11-26T16:08:13+5:30
बिहार के औरंगाबाद में गुरुवार सुबह विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ओबरा प्रखंड के प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी (बीसीओ) अंकेश पासवान को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। टीम उन्हें लेकर पटना चली गई है.
पटनाः बिहार के औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी (बीसीओ) अंकेश पासवान को निगरानी टीम में 35 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
जिसके बाद विभाग की टीम अंकेश पासवान को आगे की कार्रवाई हेतु पटना ले आई है. दरअसल, व्यापार मंडल अध्यक्ष गिरीश कुमार ने निगरानी में बीसीओ के खिलाफ पैसे के भुगतान के लिए अवैध राशि मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद निगरानी टीम ने कार्रवाई करते हुए बीसीओ को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जाता है कि शिकायत मिलने के बाद निगरानी ने मामले का सत्यापन किया और टीम गठित की. आज व्यापार मंडल अध्यक्ष गिरीश कुमार 35 हजार रुपये लेकर प्रखंड सहकारिता कार्यालय पहुंचे. यहां पैसे देने के साथ ही बीसीओ को गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जाता है कि करीब 10 लाख रुपए का भुगतान काफी समय से लंबित था.
बिल पर हस्ताक्षर करने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे
वह व्यापार मंडल के अध्यक्ष गिरीश कुमार से बिल पर हस्ताक्षर करने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे, इसके बाद ये कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई के बाद अन्य अधिकारियों और विभाग में हड़कंप मच गया है. निगरानी टीम द्वारा पकडे़ जाने की पुष्टि डीपीआरओ कृष्ण कुमार ने की है.
इधर, जिला प्रशासन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सरकार द्वारा जिला स्तरीय एवं राज्यस्तरीय निगरानी समिति एवं धावा दल का गठन करते हुए नियंत्रण कक्ष नंबर जारी किए गए थे, जिन पर प्राप्त शिकायतों पर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.
उसी क्रम में आज निगरानी विभाग के धावा दल द्वारा अंकेश पासवान, प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी, ओबरा को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकडा गया. गिरफ्तार प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को अग्रतर कार्रवाई हेतु पटना ले जाया गया है, एवं उन पर प्रपत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई भी प्रारंभ की जा रही है.
करीब 10 लाख रुपए का भुगतान काफी समय से लंबित था
इस संबंध में व्यापार मंडल अध्यक्ष गिरीश कुमार ने बताया कि उनका करीब 10 लाख रुपए का भुगतान काफी समय से लंबित था. ट्रांसपोर्टिंग और अन्य भुगतान के बदले प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा पैसों की मांग की जा रही थी.
जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी निगरानी से की थी. जांच के क्रम में सही पाया गया. जिसके बाद रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. करवाई के बाद जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने उक्त पदाधिकारी के ऊपर पपत्र क गठित कर विभाग को करवाई हेतु रिपोर्ट भेज दी है.
वहीं, इससे पहले बुघवार को सीबीआई की विशेष टीम ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में हाजीपुर स्थित पूर्व-मध्य रेलवे के जोनल मुख्यालय में तैनात चीफ इंजीनियर रविश कुमार के पटना स्थित उनके ठिकानों पर छापेमारी की.इस दौरान 76 लाख कैश के अलावा लाखों के गहने और कई स्थानों पर जमीन-फ्लैट के कागजात मिले.