NDA से केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की छुट्टी, बिहार में बराबर सीटों पर लड़ेगी BJP और जेडीयू?
By एस पी सिन्हा | Published: November 14, 2018 05:31 PM2018-11-14T17:31:32+5:302018-11-14T17:31:32+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच जुबानी तल्खी ने ये दूरी और बढ़ा दी है। इतना ही नहीं ये भी खबर है कि नीतीश कुमार भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि कुशवाहा को एनडीए से बाहर किया जाए।
महापर्व छठ के समापन के साथ ही बिहार की सियासत में बड़ा धमाका हुआ है। लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए ने कमर कस ली है, लेकिन खबर है कि रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए से छुट्टी हो सकती है। अब एनडीए बगैर कुशवाहा के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। राजग एक वरिष्ठ नेता ने ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ ये बात मानी है कि कुशवाहा अब साथ नहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी माना है कि इसका निर्णय एक महीने पहले ही ले लिया गया था।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच जुबानी तल्खी ने ये दूरी और बढ़ा दी है। इतना ही नहीं ये भी खबर है कि नीतीश कुमार भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि कुशवाहा को एनडीए से बाहर किया जाए। सूत्रों की मानें तो एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा को हटाकर यानि रालोसपा को गठबंधन से बाहर रख यह सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया गया है। इसमें भाजपा और जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक दोनों पार्टियों 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं, रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रस्तावित फॉर्मूले के मुताबिक रालोसपा को एनडीए से बाहर जाना होगा। सीटों की संख्या को लेकर अभी थोड़ा संशय इसलिए था क्योंकि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का रुख अभी साफ नहीं था।
एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा के सामने 2 सीटों का प्रस्ताव रखा था, जिसे कुशवाहा पहले ही ठुकरा चुके थे। इसके बाद वो लगातार अमित शाह से मिलने की कोशिश करते रहे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें वक्त नहीं दिया। मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा 'नीच' प्रकरण के बाद से कुशवाहा लगातार नीतीश पर हमला बोल रहे थे। ऐसे में ये माना जा रहा है कि एनडीए ने उन्हें अलग करने का मन बना लिया है।
सूत्रों के अनुसार इसी आधार पर फॉर्मूला सेट कर लिया गया है और अब इसकी महज औपचारिक घोषणा ही बाकी है। दरअसल, एनडीए के भीतर रार बहुत बढ़ चुकी है। आज कांग्रेस की तरफ से ये बयान आ गया है कि वे महागठबंधन में शामिल हो जाएं क्योंकि एनडीए में कुशवाहा की पार्टी के लिए कोई जगह नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि कुशवाहा को महागठबंधन में सम्मान मिलेगा। वहीं, बिहार में एनडीए गठबंधन में रालोसपा की तरफ से साफ तौर पर बिखराव दिख रहा है क्योंकि रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने इसी सोमवार को विपक्षी नेता शरद यादव से मुलाकात भी की थी, जिसके बाद राजग के घटक जदयू ने भाजपा से कहा था कि वह केंद्र और राज्य की गठबंधन सरकारों के खिलाफ कुशवाहा के अभियान का ‘‘संज्ञान ले।’’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और रालोसपा प्रमुख के बीच जुबानी जंग इस स्तर तक बढ़ गई कि उन्होंने नीतीश पर रालोसपा विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा दिया।
इस बीच, राजग में अपनी उपेक्षा से आहत रालोसपा प्रमुख व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा अब शरद यादव के जरिए महागठबंधन में सम्मानजनक प्रवेश चाह रहे हैं। कुशवाहा ने शरद को देश का सबसे बड़ा नेता बताया। बताया जाता है कि कुशवाहा ने शरद के समाने महागठबंधन में अपने लिए छह सीटों की मांग भी रखी है।
कुशवाहा ने कहा है कि सामाजिक न्याय के मुद्दे पर शरद से पहले भी उनकी बातचीत होती रही है। शरद देश के सबसे बडे नेता हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे विधायक कहीं चले भी जाएं, पार्टी की सेहत पर फर्क नहीं पडेगा। हम मुख्यमंत्री नहीं हैं। जनता देख रही है कि किस तरह हमें बर्बाद करने की कोशिश हो रही है। लेकिन हमें तोडने वाले खुद टूट जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि कुशवाहा की पार्टी के दो विधायकों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संपर्क में रहने की चर्चा है। वहीं, अब राजद में उनके आने की प्रतीक्षा हो रही है। लेकिन वे राजद के नेताओं से खुलेआम मिलने से परहेज कर रहे हैं। लिहाजा, शरद के जरिए उन्होंने सीटों की बातचीत की। आगे शरद और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बीच मुलाकात प्रस्तावित है।