रामविलास पासवानः नम आंखों से बेटे चिराग ने दी मुखाग्नि, सीएम नीतीश सहित कई दिग्गज पहुंचे, आखिरी झलक देखने लोगों का हुजूम उमड़ा
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 10, 2020 05:22 PM2020-10-10T17:22:18+5:302020-10-10T17:25:22+5:30
रामविलास के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है। LJP के नेता के पार्थिव शरीर को कल रात दिल्ली से पटना लाया गया था। गुरुवार को उनका निधन हो गया था।
पटनाः देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 74 वर्ष के थे। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पंचतत्व में विलीन हो गए।
शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दीघा घाट में उनका अंतिम स्सकार किया गया। सांसद बेटे चिराग पासवान ने रोते हुए मुखाग्नि दी। पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहे।
अंतिम यात्रा के दौरान उनके समर्थकों में भावुक हो गए। नम आंखों से अपने नेता की आखिरी झलक देखने लोगों का हुजूम उमड़ा। पटना में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के घर के बाहर कई राजनीतिक नेताओं और लोगों की भीड़ उमड़ी। रामविलास के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है। LJP के नेता के पार्थिव शरीर को कल रात दिल्ली से पटना लाया गया था। गुरुवार को उनका निधन हो गया था।
पटना में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि रामविलास जी बिहार ही नहीं, देश के नेता थे, वो एक जन नेता थे। मैं अटल जी की सरकार में उनके साथ कोयला खान राज्य मंत्री था, मैं उनकी क्षमता जानता हूं। वो उपेक्षितों की एक बहुत बड़ी आवाज़ बने। ये उनके जाने का समय नहीं था। बेटे चिराग ने अपने पिता को कंधा दिया तो लोगों की आंखें भर आईं।
Bihar: LJP chief Chirag Paswan performs last rites of Union Minister Ram Vilas Paswan in Patna. pic.twitter.com/ACWH35yWvX
— ANI (@ANI) October 10, 2020
खगड़िया में 1946 में जन्मे पासवान का चयन पुलिस सेवा में हो गया था लेकिन उन्होंने अपने मन की सुनी और राजनीति में चले आए। पहली बार 1969 में वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए। वह आठ बार लोकसभा के सदस्य चुने गए और कई बार हाजीपुर संसदीय सीट से सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
समाज के वंचित तबके से जुड़े लोगों के मुद्दे उठाने में सबसे आगे रहने वाले पासवान जीमीनी स्तर के मंझे हुए नेता थे जिनके संबंध सभी राजनीतिक दलों और गठबंधनों के साथ हमेशा मधुर बने रहे। अपने राज्य के प्रति उनके समर्थन के कारण पांच दशक लंबे राजनीतिक करियर में वह हमेशा केन्द्र की सभी सरकारों में शामिल रहे। वह 1989 से अपने अंतिम समय तक जनता दल से लेकर, कांग्रेस और भाजपा नीत राजग जैसी भिन्न और विपरीत विचाराधाओं वाली सरकारों का हिस्सा रहे हैं।
पासवान का गठबंधन सहयोग चाहे कोई भी रहा हो, उन्होंने हमेशा गर्व के साथ स्वयं को समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष बताया। वह वी. पी. सिंह, एच. डी. देवे गौड़ा, इन्द्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और वर्तमान में नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे हैं।
Bihar: Union Ministers Ravi Shankar Prasad & Nityanand Rai, State CM Nitish Kumar, and Dy CM Sushil Modi present at Digha ghat in Patna where the last rites of #RamVilasPaswan are being performed. pic.twitter.com/VrFwWgQMvF
— ANI (@ANI) October 10, 2020