बिहार में बेरोजगारी के मुद्दे पर हंगामा, वामपंथी छात्रों पर लाठीचार्ज, पुलिस पर पथराव, कई घायल
By एस पी सिन्हा | Published: March 1, 2021 05:58 PM2021-03-01T17:58:44+5:302021-03-01T18:00:06+5:30
बिहार की राजधानी पटना में वामपंथी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। यह कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे।
पटनाः बिहार में आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा आज बेरोजगारी दिवस के रूप में मना रही है। इसी कड़ी में उसने विधानसभा मार्च करने का प्रयास किया, जहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां भांजी।
पुलिस द्वारा किए गए इस लाठीचार्ज में दर्जनों लोग घायल हो गए। वहीं सबको शिक्षा और सबको रोजगार की मांग को लेकर वामपंथी दालों ने खूब बवाल काटा। संगठन के हजारों युवा कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान से रैली निकलकर विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे, जिसके कारण वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके।
दरअसल, वामपंथी दलों के छात्र संगठनों ने आज विधानसभा घेराव करने का फैसला लिया था। इसी बीच कार्यकर्ता सड़क पर बवाल काटते विधानसभा जा रहे थे। इसी क्रम में जेपी गोलंबर के पास पहुंचते ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। बैरिकेडिंग करने के बाद भी जब कार्यकर्त्ता नहीं रुके तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, इसमें कई कार्यकर्ताओं का सिर फट गया।
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का भी प्रयोग किया। इस दौरान वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने पहले तो उनको बहुत समझाया लेकिन उग्र प्रदर्शनकारियों ने बात नहीं मानी तो मजबूरन पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद जेपी गोलंबर पर काफी अफरा तफरी मच गई।
पुलिस के लाठीचार्ज और प्रदर्शनकारियों की रोडेबाजी की वजह से जेपी गोलंबर से रामगुलाम चौक होते हुए गांधी मैदान का दक्षिणी इलाका पूरी तरह से ब्लॉक हो गया था। इस हंगामेदार प्रदर्शन के दौरान आइसा के कई कार्यकर्ता घायल हो गए, घायलों को उनके साथी उठाकर पीएमसीएच में इलाज के लिए ले गए।
इधर, वामपंथी छात्रों की तरफ से हुई रोडेबाजी में मौके पर मौजूद एसपी कानून-व्यवस्था स्वर्ण प्रभात के सीने पर पत्थर लग गया, वहीं 55 वर्षीय एक सब इंस्पेक्टर का सिर भी फट गया। कई पुलिसकर्मी घायल भी बताये जा रहे हैं, जिन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच भेज दिया गया है, प्रदर्शन में शामिल हजारों कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर बवाल मचाया गया।
विरोध में शामिल आइसा कार्यकर्ताओं ने बताया कि नीतीश सरकार अब अपने वायदे से पीछे भाग रही है, बिहार विधानसभा चुनाव में नौजवानों से किये 19 लाख रोजगार को सरकर कर्ज के रूप में लोन दे कर नौजवानों को कर्जदार बनाना चाहती है, इस तरह नौजवानों का अपमान बर्दास्त नही किया जायेगा।
वहीं इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि बिहार के बजट में शिक्षा, रोजगार पर कोई ठोस बात नही हुई है। बिहार के स्कूल, अस्पताल और सरकारी विभाग शिक्षकों, कर्मचरियों, डॉक्टर्स, नर्स की कमी से जूझ रहे हैं, सरकार ने इन लाखों पदों को भरने के लिए घोषणा नही की। आंदोलनरत छात्रों पर लाठीचार्ज और प्राथमिकी दर्ज कर रही है। अब बिहार का छात्र-नौजवान सरकार के झांसों को बर्दाश्त नही करेगा।