बिहारः 2 हजार हिन्दुओं ने किया धर्म परिवर्तन, समाज में हो रहे भेदभाव के चलते उठाया ये कदम
By एस पी सिन्हा | Published: October 17, 2018 07:01 PM2018-10-17T19:01:20+5:302018-10-17T19:01:20+5:30
धर्म परिवर्तन की दीक्षा नागपुर से आये धम्म गुरू भिखुनी विजया मैतरिया ने दी। शपथ ग्रहण लेने वालों ने बाबा साहब एवं महात्मा बुद्ध के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया है
बिहार के सारण (छपरा) जिले में अपने धर्म में उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण सारण व आसपास के लगभग दो हजार हिन्दू समुदाय के लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है। बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के धम्म चक्क परिवर्तन दिवस 14 अक्टूबर के अवसर पर सारण के हजारों महिला और पुरूष हिन्दुओं ने बौद्ध धर्म को अपना लिया। इतनी बडी तादाद में हिन्दुओं ने अपना धर्म बदलते हुए बौद्ध धर्म को स्वीकार किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्म परिवर्तन की दीक्षा नागपुर से आये धम्म गुरू भिखुनी विजया मैतरिया ने दी। शपथ ग्रहण लेने वालों ने बाबा साहब एवं महात्मा बुद्ध के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया है। बौद्ध भिखुनी ने कहा कि महात्मा बुद्ध के बताये मार्ग पर चलकर ही समाज में फैले असमानता, वर्ण व्यवस्था, ढोंग-पाखंड, बली प्रथा, अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर किया जा सकता है।
धर्म परिवर्तन करने वालों का आरोप है कि उन्हें अपने धर्म में भेदभाव का सामना करना पड रहा था। उन्हें समाज में मान सम्मान नहीं मिल रहा था। इसलिए उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया है। सूत्रों के अनुसार धर्मांतरण के इस कार्यक्रम का आयोजन बीते 14 अक्टूबर को ही बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर के धम्म चक्क परिवर्तन दिवस के मौके पर आयोजित किया गया।
छपरा के जिला स्कूल परिसर में भारतीय बौद्ध महासभा के साथ मिलकर आंबेडकर रविदास महासंघ और अम्बेडकर परिगणित कल्याण संघ ने धम्म शिक्षा समारोह का आयोजन किया था।
वहीं, बुद्ध की देशना सह दीक्षा समारोह में धर्मान्तरण करने वाले बाबा साहब के अनुयायियों ने कहा कि समाज में व्याप्त वर्ण व्यवस्था एवं कुरीतियों को समाप्त करने को लेकर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके अलावे जिले के विभिन्न प्रखंडों व जिला स्तर पर बुद्ध की दीक्षा समारोह आयोजित किया जाएगा।
ताकि समाज में फैले अंधविश्वास, असमानता, वर्ण व्यवस्था, ढोंग-पाखंड, बली प्रथा, एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर किया जा सके। सदर प्रखंड अंतर्गत कुतुबपुर गांव निवासी सह अम्बेडकर रविदास महासंघ के प्रधान महासचिव रामलाल राम ने पूरे परिवार के साथ धर्मान्तरण किया है। उन्होंने कहा कि समाज में फैले वर्ण व्यवस्था, भेदभाव, अंधविश्वास और सामंतवाद के कारण पूरे परिवार के साथ धर्मान्तरण किया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में समाज में असमानता की खाई और अधिक बढ गई है। खास कर सामान्य वर्ग के लोग अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ काफी भेदभाव कर रहे हैं। इसी कारण हमलोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया है। उन्होंने बताया कि बाबा साहब डॉ बीआर अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलकर ही समाज में समानता हो सकती है। इसलिए धर्मान्तरण कर महात्मा बुद्ध के बताये 22 सम्यक संदेश पर चलने का संकल्प लिया गया है।