बिहार: राजनीति में दो ध्रुव बन चुके चाचा और भतीजे के एक साथ आने की संभावना नहीं

By एस पी सिन्हा | Published: November 25, 2022 04:24 PM2022-11-25T16:24:33+5:302022-11-25T16:24:33+5:30

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक हो जाने की संभावना नहीं है। लोजपा (रामविलास) प्रमुख व सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि यह उनके लिए यह बात पुरानी बात हो चुकी है।

bihar there is no possiblity to Chirag Paswan and Pashupati kumar Paras come together | बिहार: राजनीति में दो ध्रुव बन चुके चाचा और भतीजे के एक साथ आने की संभावना नहीं

बिहार: राजनीति में दो ध्रुव बन चुके चाचा और भतीजे के एक साथ आने की संभावना नहीं

Highlightsचिराग पासवान ने ऐसी किसी संभावना से किया इनकारकहा - यह उनके लिए यह बात पुरानी बात हो चुकी हैविलय की संभावना को पशुपति कुमार पारस ने भी किया खारिज

पटना: चाचा और भतीजे अर्थात केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और सांसद चिराग पासवान निकट भविष्य में एक साथ नहीं आ पायेंगे। ऐसे में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक हो जाने की संभावना नहीं है। लोजपा (रामविलास) प्रमुख व सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि यह उनके लिए यह बात पुरानी बात हो चुकी है। 

उन्होंने कहा कि उनके पास जो पार्टी और नेता हैं, उन्हीं की बेहतरीन और बिहार की जनता के लिए कैसे काम किया जाये। उनका फोकस केवल इसी बात पर है। उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ मिलने की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।
 
इधर, चिराग पासवान के बाद अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी ऐसी ही राय जाहिर की है। विलय को लेकर जताई जा रही संभावना को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। पारस ने कहा कि अब दोनों दलों का विलय संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई दल अगर टूटे तो भविष्य में जुड़ जाता है, लेकिन अगर दिल टूटता है तो उसके जोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। 

हालांकि सियासी जानकार मानते हैं कि भाजपा चिराग पासवान के साथ-साथ पशुपति पारस का इस्तेमाल एनडीए गठबंधन के अंदर करना चाहती है, लेकिन फिलहाल चिराग और पारस के बीच इतनी दूरियां बढ़ चुकी हैं कि दोनों साथ मिलने को तैयार नहीं है। ऐसे में आने वाले वक्त में सियासत कौन सी करवट लेती है इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। 

बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्वर्गीय रामविलास पासवान ने की थी। एक दौर था जब रामविलास पासवान अपने भाइयों के साथ राजनीति में मिसाल रखते थे। लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी भी टूटी और परिवार भी बिखर गया। रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बना ली तो बेटे चिराग पासवान के पास लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) रह गई। 

चिराग पासवान एनडीए गठबंधन से बाहर हो गए। लेकिन अब एकबार फिर से एनडीए के साथ उनकी गठबंधन में हो गई है। ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा था कि क्या एक बार फिर लोक जनशक्ति पार्टी अपने पुराने अस्तित्व में लौट सकती है। लेकिन अब दोनों नेताओं से इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।

Web Title: bihar there is no possiblity to Chirag Paswan and Pashupati kumar Paras come together

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