तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना, कहा- बिहार का स्वास्थ्य सेवा बदहाल, नीति आयोग की रैंकिंग पर हंगामा
By एस पी सिन्हा | Published: October 3, 2021 06:21 PM2021-10-03T18:21:44+5:302021-10-03T18:24:18+5:30
बिहार सरकार ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अबतक उस वादे का कुछ अता-पता नहीं है.
पटनाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज डॉक्टरों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बिहार में स्वास्थ्य सेवा को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट यह बता रही है कि वर्तमान स्थिति में किस तरह बिहार का स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. प्रदेश राजद कार्यालय में राजद चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से आयोजित ‘डॉक्टर्स डायलॉग विद तेजस्वी’कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने अपनी रैंकिंग में बिहार की स्वस्थ्य व्यवस्था को नीचे से पहले स्थान पर रखा है.
साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद बिहार सरकार को पूरा समय था कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारा जा सकता था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर कर सकती थी. राज्य में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की संख्या काफी कम रही. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डॉक्टरों और नर्सों के कई पद खाली हैं.
महामारी के समय भी उन पदों पर बहाली नहीं की गई है. सरकार ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अबतक उस वादे का कुछ अता-पता नहीं है. स्वास्थ्य को लेकर उन्होंने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा में कोई सुधार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बहुत ज्यादा डॉक्टरों की नियुक्ति की जरूरत है.
वहीं उन्होंने कहा कि सरकार समाज की अधारभूत जरूरत को भी पूरा नहीं कर पा रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना काल के दौरान राजद चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि सत्ता में नहीं होने के बावजूद हमने जो काम किया वह अभूतपूर्व है. चिकित्सा प्रकोष्ठ ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इमरजेंसी सेवा को देखते हुए ऑक्सीजन को भी पर्याप्त व्यवस्था करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए भी राजद ने कोरोना काल में मरीजों की मदद की. उन्होंने कहा कि मैं अपना विधायक आवास को कोरोना मरीजों के लिए दे दिया था. साथ ही डॉक्टरों की भी व्यवस्था की थी.
तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने खुद अपने सरकारी आवास पर डॉक्टरों, बेड, दवा सहित सभी जरूरी सुविधाएं लोगों के लिए मुहैया कराई. पार्टी के विधायकों ने भी कोरोना के दौर में लोगों की सेवा में कोई कसर नहीं छोडी. तेजस्वी ने कहा कि आज नीति आयोग की रिपोर्ट पर सरकार पल्ला झाड़ रही है. बिहार में शिक्षा व्यवस्था का भी यही हाल है.
कॉलेज में टीचर ही नहीं हैं पढाने के लिए, ऐसे में युवाओं को काफी परेशानी हो रही है. हम इन मसलों को लेकर सवाल करते हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतिहास की बात करने लगते हैं. वे लोग इतिहास में जी रहे हैं और हम वर्तमान में बदहाल स्थिति को लेकर चिंतित है. इस दौरान डॉक्टरों से बातचीत करते हुए राजद नेता ने उनके सवालों का जवाब भी दे रहे.
एक डॉक्टर ने सवाल किया कि 2017 से वेटरनरी डॉक्टरों की वैकेंसी नहीं आ रहे हैं, इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि चलिए हम लोग साथ में लाठी खाते हैं. उन्होंने कहा कि हम घिसी-पिटी बात पर ध्यान नहीं देते. हमारी पार्टी में मास कैपिटल है. अब हमें ब्रेन कैपिटल भी चाहिए.
नौजवानों, महिलाओं को राजद ने टिकट दिया. इसमें डॉक्टर, प्रोफेसर को भी टिकट दिया गया. तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति जनगणना बहुत जरूरी है इससे सही तस्वीर सामने आ सकेगी और बजट बनाने में सरकार को मदद मिलेगी. जब जाति का सही डेटा आपके पास होगा तभी सही तरीके से आरक्षण दिया जा सकता है.