बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भाजपा ने नीतीश सरकार को दिया अल्टीमेटम, राजद और जदयू पर निशाना
By एस पी सिन्हा | Published: November 22, 2022 03:10 PM2022-11-22T15:10:33+5:302022-11-22T15:12:27+5:30
बिहारः 1.15 लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अगर सरकार 13 दिसंबर से पहले शुरू नहीं करती है, तो मजबूत विपक्ष के नाते भाजपा सदन नहीं चलने देगी।
पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से भाजपा के नेता राजद और जदयू पर निशाना साधने का एक मौका नहीं छोड़ते हैं। इसी कड़ी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार को चेतावनी दी है।
उन्होंने दो टूक कहा है कि 1.15 लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अगर सरकार 13 दिसंबर से पहले शुरू नहीं करती है, तो मजबूत विपक्ष के नाते भाजपा सदन नहीं चलने देगी। इस दौरान उन्होंने नौकरी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना भी साधा।
पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा. जायसवाल ने कहा कि राजद और जदयू का विलय होने वाला है और नीतीशजी को आश्रम में जाकर राजद के नेताओं को ट्रेनिंग देना है। इसलिए नीतीशजी एनडीए कार्यकाल में हुई नियुक्ति को तेजस्वी के सामने दिखाने के लिए नियुक्ति पत्र समारोह का आयोजन करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बहाली की प्रक्रिया को लेकर हम लोग नीतीश कुमार पर दबाव ही बनाते थे। लेकिन उनके मन में पाप था, इसलिए वे बहाली की प्रक्रिया को टालते रहे। शिक्षक बहाली के लिए एनडीए सरकार प्रयासरत थी। लेकिन सरकार बदल गई। इसके बाद शिक्षक बहाली की प्रक्रिया महागठबंध सरकार ने अब तक शुरू नहीं की है।
डा. जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी जानते हैं कि 10 लाख सरकारी नौकरी का उनका वादा झूठा था। बिहार में खाली पड़े 2 लाख 34 हजार सरकारी पदों पर बहाली को लेकर तो वे गंभीरता दिखा सकते थे, पर उन्होंने खुद की सरकार में अभी तक कोई पहल नहीं की और एनडीए कार्यकाल में हुई नियुक्ति को समारोह आयोजित कर राज्य की युवाओं को भ्रमित कर रहें हैं।
डा. जायसवाल ने कहा कि हकीकत है कि एनडीए की सरकार बिहार में नौकरी और रोजगार को लेकर कई पहल की थी और विभिन्न विभागों में भर्ती शुरू करवाया था। चाहे पुलिस विभाग हो या राजस्व और भूमि सुधार विभाग या स्वास्थ्य विभाग। इन सभी विभागों में पहले ही विज्ञपन निकालने के साथ ही परीक्षा और फिर रिजल्ट निकाला गया था पर नीतीशजी के पलटी मारने के बाद तेजस्वी पुराने नियुक्ति को ही अपना बताकर प्रचारित कर रहे हैं।