सुशील कुमार मोदी के छोटे भाई का कोरोना से निधन, बिहार में मिले संक्रमण के 13,534 नए केस
By एस पी सिन्हा | Published: May 2, 2021 08:02 PM2021-05-02T20:02:54+5:302021-05-02T20:06:39+5:30
बिहार में हर रोज कोरोना संक्रमण के 10 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. पटना में स्थिति ज्यादा भयावह है. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के छोटे भाई का कोरोना से निधन हो गया है.
पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. संक्रमितों की सख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. राज्य में रविवार को 13,534 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है. इससे पहले शनिवार को 13789 नए मरीज मिले थे.
बिहार में कोरोना संक्रमण की चपेट में आम से लेकर ख़ास लोग आते जा रहे हैं. कोरोना ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के छोटे भाई अशोक कुमार मोदी (65) की जान ले ली. अशोक कुमार मोदी पिछले दिनों कोरोना की चपेट में आ गए थे.
इसके बाद उन्हें पटना के एक बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान ही उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली.
उनके निधन के बाद मोदी परिवार में शोक की लहर दौड गई है. बता दें कि अशोक कुमार मोदी अपने बडे भाई सुशील कुमार मोदी की तरह राजनीति में बेहद सक्रीय नहीं थे. राजनीति के बजाय उनका अपना कारोबार था.
सुशील मोदी ने अशोक कुमार मोदी का इलाज कर रहे डॉक्टरों को लेकर लिखा कि चिकित्सकों ने काफी कोशिश की, लेकिन उनके भाई की जान नहीं बचाई जा सकी. कोरोना ने उनकी जिंदगी छीन ली.
बिहार में कोरोना की स्थिति भयावह
बिहार में कोरोना की स्थिति बेहद भयावह हो गई है. हालांकि कल इसकी रफ़्तार में थोड़ी सी कमी आई थी. 15 हजार से ऊपर के बजाय कल करीब 13 हजार नए मामले सामने आए हैं. पटना सहित सात जिलों में पांच सौ से अधिक नए संक्रमित मिले हैं.
पटना में सर्वाधिक 2748 नए संक्रमित मिले हैं. जबकि वैशाली में 805, पश्चिमी चंपारण में 652, नालंदा में 611, बेगूसराय में 569, गया में 544 और भागलपुर में 535 नए संक्रमित मिले. राज्य में पिछले 24 घंटे में 89,393 सैंपल की कोरोना जांच की गई.
इस दौरान करीब 80 से अधिक लोगों की कोरोना से जान चली गई. वहीं, राज्य में सक्रिये संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख दस हजार के पार हो गया है.
पटना में कोरोना से हालात चिंताजनक
पटना जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं. खासकर शहर के एम्स, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस व पीएमसीएच में भर्ती मरीजों की संख्या में जहां रोजाना इजाफा हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर कई गंभीर मरीज भी मर रहे हैं.
स्थिती की भयावहता को देखते हुए राज्य के सात मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को कोविड के इलाज के लिए डेडीकेटेड अस्पताल बनाया गया है. इसमें नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल,पटना, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, भागलपुर, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया पहले से ही कोविड डेडीकेटेड अस्पताल घोषित थे.
इसके अलावा आइजीआइएमएस, पटना, विम्स, पावापुरी, जीएमसी बेतिया और जेकेटीएमसीएच, मधेपुरा को भी पूरी तरह से कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बना दिया गया है. अब यहां के शत प्रतिशत बेडों पर कोविड मरीजों का इलाज होगा.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया है. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में मधुबनी मेडिकल कॉलेज से 100 अतिरिक्त बेड पर कोविड इलाज की बात हुई है. इसी प्रकार तुर्की मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभी बेड पर कोविड का इलाज किया जायेगा. इसके अलावा किशनगंज, कटिहार और सासाराम मेडिकल कॉलेज अस्पतालं में भी कोविड का इलाज किया जा रहा है.
मंगल पांडेय के अनुसार पटना में राजेंद्रनगर अस्पताल में 115 बेड का अस्पताल चालू कर दिया गया है. पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कंप्लेक्स में 100 बेड का कोविड अस्पताल सोमवार से चालू कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि जयप्रभा मेदांता अस्पताल का निरीक्षण किया है, जहां पर अगले आठ दिनों के बाद मरीजों की भर्ती आरंभ हो जायेगी.
इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिला के पताही में 250 बेड का कोविड अस्पताल तैयार किया गया है जो 15 दिनों के अंदर शुरू हो जायेगा.