बिहारः जूनियर डॉक्टर की पिटाई के विरोध में दूसरे दिन हड़ताल जारी, मरीज़ परेशान
By एस पी सिन्हा | Published: August 9, 2018 07:51 PM2018-08-09T19:51:58+5:302018-08-09T19:53:52+5:30
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच में देखने को मिलने लगा है।
पटना, 9 अगस्तःबिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की पिटाई के विरोध में आज दूसरे दिन भी जूनियर डॉक्टर हडताल पर हैं। नालंदा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों के साथ-साथ पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर भी आज से हडताल पर चले गये हैं। ऐसे में हडताल का सबसे ज्यादा असर सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच में देखने को मिलने लगा है।
यहां बता दें कि नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला मरीज की मौत पर परिजनों द्वारा जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई थी। मारपीट के विरोध में अस्पताल के पीजी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गए। इसी कडी में आज पीएमसीएच के जूनियर डाक्टरों ने हडताल कर दिया है। इसके चलते पीएमसीएच में चल रही ईमरजेंसी सेवा भी बाधित है। वहीं, पीएमसीएच में आने वाले मरीजों और पहले से यहां भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि उन्हें इस हडताल से काफी परेशानी हो रही है। कई मरीजों का ऑपरेशन होने वाला था, लेकिन हडताल की वजह से ऑपरेशन टाल दिया गया।
वहीं कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि उनके मरीज को देखने आज सुबह से कोई डॉक्टर नहीं आया है। साथ ही इस हडताल के कारण कई मरीजों की मौत भी हो जाने की खबर है। बताया जाता है कि कि एनएमसीएच में 70 वर्षीया एक महिला ब्रेन हैम्ब्रेज की शिकार थी। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इसके परिजन अस्पताल पहुंकर महिला को जिंदा करने और उसका इलाज करने की मांग करने लगे। जब डॉक्टरों ने मृत महिला का इलाज करने से मना किया तो परिजनों से डॉक्टरों के साथ हाथापाई पर उतर गए थे। इसके विरोध में एनएमसीएच और पीएमसीएच के डॉक्टर हडताल पर चले गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जूनियर डॉक्टरों के हडताल पर चले जाने के कारण अब तक तीन मरीजों की मौत होने की सूचना है। वहीं, 120 से ज्यादा मरीज पलायन कर चुके हैं। पीएमसीएच में हडताल का असर प्रसूति विभाग, सर्जरी विभाग, इमरजेंसी और टाटा वार्ड में पडा है। यहां करीब 20 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिये गये।
समूचित इलाज के अभाव में मरीजों का पलायन जारी है। वहीं, इमरजेंसी में भी मरीजों की हालत भगवान भरोसे हैं। लेकिन हडताल खत्म कराने को लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग ने पहल नहीं की है। जूनियर डॉक्टरों से अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है। अस्पताल में मरीजों का इलाज नर्स के भरोसे हो रहा है। जूनियर डॉक्टरों की हडताल से मरीजों का खासी परेशानी हो रही है। इलाज नहीं होने के कारण मरीजों के परिजन हडताल से खासे आक्रोशित हैं।
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