बिहार: एससी/एसटी की छात्रवृत्ति के 8800 करोड़ रुपये सड़कें और बांध बनाने में इस्तेमाल, योग्य छात्रों को नहीं मिली छात्रवृत्ति

By विशाल कुमार | Published: November 1, 2021 09:13 AM2021-11-01T09:13:55+5:302021-11-01T09:17:08+5:30

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नीति आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एससी/एसटी के फंड का अन्य कामों में इस्तेमाल न हो. सीएजी को दिए अपने जवाब में राज्य वित्त विभाग ने कहा है कि एससी/एसटी मदों का स्थानांतरण रोक दिया गया है.

bihar-sc-st-scholarship-funds-to-build-roads-and-embankments | बिहार: एससी/एसटी की छात्रवृत्ति के 8800 करोड़ रुपये सड़कें और बांध बनाने में इस्तेमाल, योग्य छात्रों को नहीं मिली छात्रवृत्ति

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)

Highlightsसीएजी ने 2018-19 की रिपोर्ट में एससीएसपी फंड में हेरफेर पर सवाल उठाए हैं.8800 करोड़ की राशि को सड़कें, बांध, मेडिकल कॉलेज और सरकारी भवन बनाने में खर्च कर दिया.वहीं, छह सालों में बिहार के अधिकतर एससी/एसटी छात्रों को यह छात्रवृत्ति देने से इनकार कर दिया गया.

पटना:बिहार सरकार ने विशेष तौर पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए निर्धारित छात्रवृत्ति की 8800 करोड़ की राशि को साल 2018-19 में सड़कें, बांध, मेडिकल कॉलेज और सरकारी भवन बनाने में खर्च कर दिया जबकि इस दौरान उसने अधिकतर योग्य छात्रों को फंड की कमी का हवाला देते हुए छात्रवृत्ति नहीं दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने साल 2018-19 की बिहार के खर्चों पर जारी अपनी रिपोर्ट में अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) फंड में हेरफेर पर सवाल उठाए हैं.

एससीएसपी फंड में 2076.99 करोड़ रुपये बिजली विभाग, 3081.34 करोड़ रुपये सड़क परियोजनाओं, 1202.23 करोड़ रुपये बांध निर्माण और बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं, 1222.94 करोड़ रुपये मेडिकल कॉलेजों और 776.06 करोड़ रुपये कृषि विभाग का दफ्तर और अन्य भवनों के निर्माण के लिए स्थानांतरित कर दिया गया.

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नीति आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एससी/एसटी के फंड का अन्य कामों में इस्तेमाल न हो. सीएजी को दिए अपने जवाब में राज्य वित्त विभाग ने कहा है कि एससी/एसटी मदों का स्थानांतरण रोक दिया गया है.

2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी कहा था कि एससी/एसटी फंड का अन्य उद्देश्यों के इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.

फंड की कमी का हवाला देते हुए छह सालों से योग्य छात्रों को नहीं दी छात्रवृत्ति

एक तरफ जहां एससीएसपी फंड का स्थानांतरण कर दिया गया तो वहीं पिछले छह सालों में बिहार के अधिकतर एससी/एसटी छात्रों को यह छात्रवृत्ति देने से इनकार कर दिया गया.

दरअसल, एससीएसपी फंड विशेष तौर पर केंद्र द्वारा प्रायोजित इंटरमीडिएट से लेकर मास्टर्स तक के एससी/एसटी छात्रों लिए है. इसका 60 फीसदी फंड केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय देता है. इसके तहत 2.5 लाख से कम पारिवारिक आय वाले एससी/एसटी छात्रों छात्रवृत्ति दी जाती है.

छात्रवृत्ति के मुद्दे पर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में, सरकार ने कहा है कि छात्रवृत्ति को रोके जाने के पीछे एक कारण धन की कमी थी. इस बीच, राज्य सरकार ने फिर से छात्रवृत्ति योजना के तहत आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर दिया है.

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