Bihar Rupauli By Election Result 2024 LIVE: बिहार के रूपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर की जीत के बाद अब सियासी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सबसे पहले मोर्चा खोला है। शनिवार को उन्होंने रुपौली के चुनाव परिणाम पर चिंता जताते हुए एनडीए को नसीहत भी दी है और राजद पर भी हमला बोला है। रुपौली में निर्दलीय शंकर सिंह ने जदयू के कलाधर मंडल को 8 हजार वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया है, जबकि राजद की प्रत्याशी बीमा भारती तीसरे नम्बर पर रही।
ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 'रुपौली (पूर्णिया) में जदयू उम्मीदवार की हार एनडीए के लिए माथे पर शिकन पैदा करने वाली है। परन्तु संतोष इस बात का है कि जनता राज्य में 2005 के पहले की स्थिति के जिम्मेवार पार्टी को बख्शने को अभी भी तैयार नहीं है। उप चुनाव का यह साफ संदेश है।'
दरअसल, रूपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को जोरदार झटका लगा है। एक ओर जहां सत्तारूढ जदयू को अपनी सीटिंग सीट गंवानी पडी है तो दूसरी ओर एनडीए को धूल चटाने के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के दावे की हवा निकल गई है। यह भी कहा जा सकता है कि प्रतिष्ठा की लड़ाई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अपनी साख नहीं बचा पाए।
जदयू और राजद दोनों दलों के प्रत्याशियों को रुपौली विधानसभा उपचुनाव में वहां के मतदाताओं ने नकार दिया। शनिवार को आए चुनाव परिणाम में रुपौली से निर्दलीय शंकर सिंह ने जदयू के कलाधर मंडल को हराकर इतिहास रच दिया। एक ओर जहां कलाधर मंडल के लिए सत्ताधारी एनडीए की ओर से सीएम नीतीश सहित, कई केंद्रीय मंत्रियों और बिहार एनडीए के दिग्गज नेताओं ने चुनाव प्रचार किया था।
वहीं राजद और महागठबंधन की ओर से बीमा भारती के लिए जोरदार ताकत लगाई गई। लेकिन निर्दलीय शंकर सिंह ने अकेले ही सबको धूल चटाने में सफलता पाई। बाहुबली छवि के नेता शंकर सिंह स्वर्गीय रामविलास पासवान के समय से ही लोजपा के नेता रहे हैं। उन्होंने 2005 का विधानसभा चुनाव लोजपा के टिकट पर लड़ा और जीता था।
लेकिन उस समय सरकार नहीं बन पाई थी और विधानसभा भंग होने कारण दोबारा चुनाव हुए थे। दोबारा हुए चुनाव में शंकर सिंह को बीमा भारती से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में शंकर सिंह उस दौरान बहुत कम समय के लिए ही विधायक रह पाए। इसके बाद शंकर सिंह ने 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा।
इन चुनावों में उन्हें जीत तो नहीं मिली, लेकिन वे मामूली अंतर से दूसरे स्थान पर रहे। शंकर सिंह और उनकी पत्नी प्रतिमा सिंह की सवर्ण जातियों के बीच अच्छी पैठ मानी जाती है। पिछले चुनाव के शपथ पत्र के मुताबिक शंकर सिंह पर आईपीसी की धाराओं के तहत विभिन्न थानों में 19 मामले दर्ज हैं।
बीमा भारती के पति अवधेश मंडल के साथ शंकर सिंह की वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है। शंकर सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह भी रूपौली क्षेत्र से जिला परिषद की सदस्य और पूर्व अध्यक्ष हैं। प्रतिमा सिंह भी 2011 से पंचायत और निगम के कई चुनाव जीत चुकी हैं।