बिहार: RJD ने दागी विधायकों को दिखाया बाहर का रास्ता, सेक्स कांड में फरार अरूण यादव की अचल संपत्ती जब्त करने की प्रक्रिया
By एस पी सिन्हा | Published: January 11, 2020 06:02 AM2020-01-11T06:02:39+5:302020-01-11T06:02:39+5:30
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बताया कि बलात्कार के आरोपी पार्टी विधायक राजबल्लभ यादव और अरुण यादव को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है. अब दोनों राजद के प्राथमिक सदस्य नहीं हैं.
बिहार में राजद ने अब अपने दल के पापियों से पीछा छुड़ाने में जुट गई है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बताया कि बलात्कार के आरोपी पार्टी विधायक राजबल्लभ यादव और अरुण यादव को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है. अब दोनों राजद के प्राथमिक सदस्य नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक दोनों विधायकों पर लगे आरोप हटते नहीं हैं, तब तक वे दोनों पार्टी से बाहर रहेंगे.
यहां बता दें कि इस मामले को लेकर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राजद से लगातार सवाल पूछते आ रहे हैं. कुछ दिन पहले भी सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर राजद से सवाल पूछते हुए ट्वीट किया था कि राजबल्लभ और अरुण यादव पर महागठबंधन चुप क्यों है? उधर, पटना एवं भोजपुर के चर्चित सेक्स कांड में भूमिगत चल रहे संदेश के राजद विधायक अरुण यादव की अचल संपत्ति जब्त करने के कोर्ट के आदेश पर प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गई है. इसके तहत विधायक की पूरी अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाने का काम शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार विधायक की कुछ संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है.
हालांकि इस संबंध में अधिकारी फिलहाल कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. बता दें कि सेक्स कांड में नाम आने व किशोरी के साथ गंदा काम करने की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही राजद विधायक भूमिगत चल रहे हैं. कुर्की के बाद भी उन्होंने सरेंडर नहीं किया. इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए विधायक की अचल संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश पर डीएम व एसपी ने संबंधित सीओ से विधायक की पूरी अचल संपत्ति की ब्योरा मांगा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही राजद विधायक की अचल संपत्ति जब्त की जायेगी.
प्रशासन के अनुसार फरार राजद विधायक अरुण यादव की अचल संपत्ति की जब्ती को लेकर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है. इस क्रम में अगिआंव और खरैंचा के 11 एकड़ भूमि की मापी की गई है. मापी की कार्रवाई अगले दो दिनों तक चलेगी. इस आशय की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी सदर अरुण प्रकाश ने दी है. इस पर सुनवाई के लिए कोर्ट के द्वारा अगली तिथि 20 जनवरी तय की गई है. अगली सुनवाई से पहले जिला प्रशासन को कार्रवाई संबंधी प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित करना होगा. इसे लेकर सीओ के माध्यम से राजद विधायक के अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है. भोजपुर में यह पहला अवसर हैं जब किसी फरार विधायक की अचल संपत्ति जब्ती को लेकर जमीन मापी की प्रक्रिया शुरू की गई हो.
तीन जनवरी को कोर्ट ने सेक्स रैकेट कांड में सुनवाई के दौरान फरार राजद विधायक अरूण यादव के विरुद्ध अंचल संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था. साथ ही आदेश की प्रति जिलाधिकारी और एसपी दोनों को भेजे जाने का फरमान जारी किया था. आदेश के आलोक में अनुसंधान और कार्रवाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दोनों अफसरों को सौंपी गई है. कोर्ट ने यह भी कहा हैं कि उक्त मामले में अनुसंधान में क्या प्रगति हुई इसे अगली तिथि को अभिलेख पर रखा जाएगा. कोर्ट इस मामले को लेकर पूरी तरह सख्त है. खासकर अनुसंधान में उदासीनता को लेकर लेकर पहले भी फटकार लगा चुका है.
उल्लेखनीय है कि पटना एवं भोजपुर के चर्चित सेक्स रैकेट कांड में फरार संदेश के राजद विधायक अरूण यादव करीब पांच महीने बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं. गिरफ्तारी वारंट, इश्तेहार एवं कुर्की के बाद भी राजद विधायक ने अभी तक सरेंडर नहीं किया है. पुलिस फरार विधायक के विरुद्ध शिकंजा कसने के लिए अब अचल संपत्ति के बारे में भी पता लगा रही है. बता दें कि इससे पहले फरार संदेश के राजद विधायक अरुण यादव के अगिआंव स्थित कथित आवास पर 22 सितंबर को कुर्की करने पहुंची पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लग सका था. क्योंकि वह मकान उनकी पत्नी के नाम पर था. बाद में गडहनी थाने के लसाढी गांव स्थित घर पर कुर्की हुई थी. आरोपी विधायक के पैतृक घर पर लाव-लश्कर के साथ पहुंची पुलिस ने उस समय दरवाजा एवं खिड़की तक उखाड़ डाले थे. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि सेक्स रैकेट कांड में चौतरफा घिरे राजद विधायक अरुण यादव के सामने सरेंडर के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. अचल संपत्ति जब्त करने संबंधी आदेश के बाद उनकी मुश्किलें अधिक बढ़ गई हैं.
सूत्रों की मानें तो वे कानून के जानकारों से विचार-विमर्श कर कानूनी तरीके से प्रयास में लगे हुए हैं. वैसे चर्चा यह भी हैं कि ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो संदेश विधायक अरुण यादव जब्ती के पहले कभी भी कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं. दूसरी ओर, विधायक के करीबियों का मानना हैं कि उन्हें फंसाया गया है. पीड़ित बच्ची का जब पहली बार 164 का बयान हुआ था तो उसमें उनका नाम नहीं आया था. बाद में जब दूसरी बार जब पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया तो उनका नाम दे दिया गया था. उनके करीबी साजिश के तहत फंसाए जाने की बात बता रहे हैं. यहां बता दें कि 18 जुलाई 2019 को पटना में संचालित देह व्यापार गिरोह के चंगुल से भागकर भोजपुर पुलिस के पास पहुंची लड़की ने इंजीनियर और विधायक के आवास पर भेजे जाने की बात कही थी.
इस मामले में पकड़ी गई संचालिका अनीता देवी ने इसे स्वीकार भी किया था. पीड़िता का आरा कोर्ट में पहली बार बयान 20 जुलाई 2019 को दर्ज हुआ था. हालांकि, पहले बयान में विधायक विशेष का नाम नहीं लिया था. वीडियो वारयल होने के बाद छह सितंबर 2019 को पीड़ित लड़की का आरा कोर्ट में दोबारा बयान दर्ज कराया गया था. इसमें पीड़िता ने कहा था कि पटना स्थित विधायक के आवास पर उसके साथ गंदा काम किया गया था. इसके बाद से राजद विधायक लगातार फरार चल रहे हैं.