बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में लगाया जा रहा 6 टन का 'लालटेन', 24 घंटे फैलायेगा रौशनी
By एस पी सिन्हा | Published: October 13, 2021 03:21 PM2021-10-13T15:21:50+5:302021-10-13T15:26:03+5:30
राजद के प्रदेश कार्यालय के दोनों प्रवेश द्वारों के बीच में पत्थर और सीमेंट की बडी अद्भुत लालटेन स्थापित की जा रही है. सीमेंट और छड़ से लालटेन बनाने का काम शुरू हो चूका है. मुख्य द्वार से अंदर घुसते ही यह लालटेन आपको नजर आएगी.
पटना:बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अपने प्रदेश कार्यालय पटना में 6 टन की 'लालटेन' लगा रही है. यह राजद का चुनाव चिन्ह है.
प्रदेश कार्यालय के दोनों प्रवेश द्वारों के बीच में पत्थर और सीमेंट की बडी अद्भुत लालटेन स्थापित की जा रही है. सीमेंट और छड़ से लालटेन बनाने का काम शुरू हो चूका है. मुख्य द्वार से अंदर घुसते ही यह लालटेन आपको नजर आएगी.
सूत्रों के अनुसार बड़े ही गोपनीय तरीके से सीमेंट और पत्थर की कारीगरी से लालटेन बनाने के काम में मझे हुए मूर्तिकार लगे हुए हैं. लालटेन रखने के लिए फाउंडेशन बनाने का काम शुरू हो चूका है.
बिस्कोमान के अध्यक्ष एवं राजद के विधान परिषद सदस्य सुनील कुमार सिंह के अनुसार एक बड़ी लालटेन बनाने की तैयारी हो रही है. बहुत जल्द ही कार्यालय में 6 टन वजनी लालटेन यहां नजर आयेगी.
लालटेन पत्थर से बनी होगी और व्यवस्था इस तरह की होगी कि इसमें रोशनी हमेशा होती रहेगी. इसके लिए गैस या तेल की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि इसकी लौ हमेशा जलती रहे.
यह लालटेन चौबीसों घंटे जलती रहेगी. इससे पार्टी कार्यालय और रोशन रहेगा और साथ ही साथ लोगों को यह लालटेन एहसास भी दिलाएगी कि राजद का वजूद बिहार की राजनीति में अभी खत्म नहीं हुआ है.
सूत्रों का कहना है कि लालटेन के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का इंतजार किया जा रहा है. 20 अक्टूबर को लालटेन की स्थापना लालू प्रसाद यादव खुद अपने हाथों से करेगें.
राजद कार्यालय और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर अब भी लालटेन का उपयोग हो रहा है. इसमें केरोसिन का उपयोग नहीं होता है. इसमें बिजली के सामान्य बल्ब लगे होते हैं.
सूत्रों की मानें तो यह लालटेन इतनी खुबसूरत बनाई जा रही है कि लोग इसे देखने के लिए आयेगें. राजद का चुनाव चिन्ह लालटेन है और इसको लेकर बिहार में अक्सर सियासत भी देखने को मिलती है.
राजद के विरोधी अक्सर इस बात को लेकर ताना मारते हैं कि बिहार में लालटेन का युग खत्म हो चुका है. लेकिन अब इसी लालटेन के सहारे राजद एक बार फिर बड़ा संदेश देने की तैयारी में है.
प्रदेश राजद कार्यालय को भी इन दिनों नया रंग रूप दिया जा रहा है. कार्यालय के अंदर करीब 20 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जिसके सहारे प्रदेश अध्यक्ष चप्पे-चप्पे की निगरानी करते हैं. वहीं सभी कमरों को बेहतरीन तरीके से सुसज्जित किया गया है. इसके साथ ही दफ्तर को कॉरपोरेट लुक देते हुए सभी कमरों में लाइट और बैठक के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी के बैठक कक्ष का भी उद्घाटन किया था. काफी दिनों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी बिहार लौट रहे हैं. दिल्ली से पटना आने के बाद मुमकिन है कि वे भी पार्टी दफ्तर फिर से आना शुरू करें. ऐसे में ये बदलाव काफी अहम हैं. राजद दफ्तर पहले से हाईटेक भी हुआ है.
राजद का गठन 5 जुलाई, 1997 को दिल्ली में हुआ था. स्थापना के वक्त लालू प्रसाद यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह, कांति सिंह समेत 17 लोकसभा सांसद और 8 राज्यसभा सांसदों की मौजूदगी में बड़ी तादाद में कार्यकर्ता और समर्थक जुटे थे.
तब से लेकर अब तक लालू प्रसाद यादव ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. फिलहाल राजद बिहार विधानसभा में सबसे बडी पार्टी है. उसके 75 विधायक हैं.