लालू परिवार में सियासी कलह, तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोला, राजद से बाहर हो सकते हैं तेजप्रताप!
By एस पी सिन्हा | Published: October 18, 2021 03:23 PM2021-10-18T15:23:42+5:302021-10-18T15:25:16+5:30
बिहार विधानसभा उपचुनावः कुशेश्वर स्थान सीट पर राजद के उम्मीदवार को हराने में तेजप्रताप यादव अपनी ताकत झोंकेंगे.
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों का झगड़ा अब सार्वजनिक हो गया है. इस कारण से लालू परिवार में अभी कलह जारी है. लालू यादव के बडे़ बेटे तेजप्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
विधानसभा उपचुनाव में कुशेश्वर स्थान सीट पर तेजप्रताप ने कांग्रेस उम्मीदवार का साथ देने का ऐलान कर पार्टी के संविधान के खिलाफ जाने का संकेत दे दिया है. ऐसे में अब संभव है कि उनके खिलाफ पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया जाये. प्राप्त जानकारी के अनुसार कुशेश्वर स्थान सीट पर राजद के उम्मीदवार को हराने में तेजप्रताप अपनी ताकत झोंकेंगे.
तेजप्रताप ने राजद के खिलाफ कुशेश्वरस्थान में अपने छात्र जनशक्ति परिषद को कांग्रेस को समर्थन करने का फरमान जारी किया है. तेजप्रताप कह चुके हैं कि लालू के बिहार आते ही वह पार्टी में कुछ लोगों की पोल खोल देंगे. ऐसे में जानकारों का मानना है कि तेजप्रताप अगर कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे तो उनके खिलाफ पार्टी विरोधी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
लेकिन इसका फैसला तेजस्वी यादव को लेना है. सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप अगर कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. उधर, विधानसभा उपचुनाव में बिहार के चार प्रभावशाली युवा नेता मैदान में उतकर एक दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइश करने जा रहे हैं. कन्हैया कुमार की एंट्री मुकाबले को दिलचस्प बनाएगी.
वहीं लालू के दोनों बेटे भी एक सीट पर आमने-सामने दिखेंगे. इसतरह से सूबे का चुनावी पारा गर्म हो चुका है. सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. उपचुनाव में इस बार युवा नेताओं के लिए भविष्य की राजनीति का टेस्टिंग ग्राउंड साबित हो सकता है. 2020 के विधानसभा में भी बिहार के ये चार युवा चेहरे मैदान पर थे. लेकिन इसबार समीकरण बदला हुआ है.
कन्हैया कुमार ने वामपंथ से नाता तोड़कर अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है. वहीं कांग्रेस इस उपचुनाव में राजद से अलग होकर अपने उम्मीदवारों को दोनों सीटों पर उतार चुकी है. दूसरी तरफ लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र जमुई सांसद चिराग पासवान भी नयी जमीन की तलाश में जोर लगाए हुए हैं. इसबीच राजद नेता तेजस्वी यादव मुंगेर में डेरा डाल चुके हैं.
तारापुर विधानसभा सीट पर जीत के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं 18 अक्टूबर को पटना पहुंचकर चिराग पासवान 22 अक्टूबर से तीन दिनों तक तारापुर में अपने दल के प्रत्याशी के लिए कैंप करेंगे. जबकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया स्टार प्रचारक के तौर पर बिहार पहली बार 22 अक्टूबर को आ रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में उनके खिलाफ राजद ने उम्मीदवार खडे़ किये थे. इस उपचुनाव में राजद उम्मीदवार के भी खिलाफ कन्हैया कांग्रेसी बनकर हुंकार भरेंगे. इसतरह से कई लिहाज से इस बार का उपचुनाव इन चार युवा नेताओं के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है.