बिहार: आनंद मोहन की रिहाई पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नीतीश सरकार को नोटिस भेजकर मांगा जवाब

By एस पी सिन्हा | Published: May 19, 2023 05:40 PM2023-05-19T17:40:09+5:302023-05-19T17:41:36+5:30

बिहार सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया था। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में खूब सियासत हुई। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नीतीश सरकार को नोटिस भेजकर पूछा है कि आखिरकार किस आधार पर कानून में बदलाव कर हत्या के दोषी को जेल से छोड़ा गया है?

Bihar release of Anand Mohan National Commission for Scheduled Castes sent a notice Nitish government | बिहार: आनंद मोहन की रिहाई पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नीतीश सरकार को नोटिस भेजकर मांगा जवाब

आनंद मोहन की रिहाई के मामले में नीतीश सरकार घिरती जा रही है

Highlightsआनंद मोहन की रिहाई के मामले में नीतीश सरकार घिरती जा रही हैराष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस भेजकर मांगा जवाबसुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए हैं

पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन की गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में रिहाई के मामले में नीतीश सरकार घिरती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नीतीश सरकार को नोटिस भेजकर पूछा है कि आखिरकार किस आधार पर कानून में बदलाव कर हत्या के दोषी को जेल से छोड़ा गया है? दरअसल, जी.कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए आनंद मोहन की पिछले दिनों जेल से रिहाई हो गई थी।

बिहार सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया था। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में खूब सियासत हुई। देश के कई आईएएस एसोसिएशन ने रिहाई का विरोध किया था। वहीं जी.कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी कर चुकी है। अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले में संज्ञान लिया है।

आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर किस आधार पर कानून में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा किया गया? आयोग के अध्यक्ष विजय सांप्ला ने बताया कि इस मामले में आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है और पूछा गया है कि आख़िर सरकार ने किस तरह के बदलाव किए और किस आधार पर बदलाव किया है? इसकी पूरी जानकारी मांगी गई है। लेकिन सरकार ने इसका अभी तक जबाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग की टीम जल्द ही स्पॉट विजिट करेगी और मामले की गहन छानबीन करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार भारत का दूसरा राज्य है जहां अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या सबसे अधिक हो रही है, जो बहुत ही चिंता का विषय है।

बता दें कि  सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को आईएस अधिकारी की हत्या के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को आठ अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और कहा कि मामले में आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा।

तेलंगाना के रहने वाले और गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया को 1994 में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। यह घटना उस समय हुई जब उनका वाहन मुजफ्फरपुर जिले में गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस से आगे निकलने की कोशिश कर रहा था। तब आनंद मोहन विधायक थे और उस शवयात्रा में शामिल थे।

Web Title: Bihar release of Anand Mohan National Commission for Scheduled Castes sent a notice Nitish government

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