बिहारः पुलिस लाइनों छापेमारी से खुली शराबबंदी की पोल, कई मिले नशे में तो बरामद हुई दर्जनों खाली शराब की बोतलें
By एस पी सिन्हा | Published: January 18, 2020 07:06 AM2020-01-18T07:06:11+5:302020-01-18T07:11:46+5:30
जिलों से आयी रिपोर्ट के अनुसार सभी पुलिस लाइनों में एक-एक बैरक की तलाशी देर रात तक चलती रही. इस दौरान स्निफर डॉग की मदद ली गई.
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के आदेश पर गुरुवार की रात अचानक बिहार के सभी जिलों के पुलिस लाइन में की गई छापेमारी में सूबे में शराबबंदी की पोल खुल गई. जिनपर शराबबंदी की जिम्मेवारी है, वही शराब के नशे में टुन पाये गये. यही नही पुलिस लाईनों में बडी मात्रा में खाली शराब की बोतलें भी मिलने की बातें सामने आई हैं. जिलों से आयी रिपोर्ट के अनुसार सभी पुलिस लाइनों में एक-एक बैरक की तलाशी देर रात तक चलती रही. इस दौरान स्निफर डॉग की मदद ली गई.
आदेश के मुताबिक सभी जिलों के एसपी खुद सीनियर ऑफिसर्स के साथ पुलिस लाइंस पहुंचे और छापेमारी की. छापेमारी में जहां पटना पुलिस लाइन परिसर में शराब की दो दर्जन से अधिक खाली बोतलें मिलीं. वहीं गया और मोतिहारी जिले में आधे दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत मिले. इस छापेमारी के दौरान पुलिस लाइन में हडकंप मच गया. पटना पुलिस लाइन में खुद एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने छापेमारी का नेतृत्व किया. अचानक से रात में बडे साहब को देख पुलिसकर्मियों में हडकम्प मच गया. पटना पुलिस लाइन में भी जब एसएसपी उपेन्द्र शर्मा तीन सिटी एसपी के साथ पहुचे तो पुलिस लाइन में तैनात पुलिसकर्मियों में कानाफूसी शुरू हो गई. स्निफर डॉग के साथ पहुचे पुलिस अफसरों ने 12 बडे बैरकों और17 छोटे बैरकों में तलाशी लेनी शुरू की, तब सारा माजरा समझ में आया.
दरअसल, हाल के दिनों मे पुलिस लाइन में शराब मिलने की शिकायते कई जिलों से मिली थीं. इसके बाद डीजीपी गुपतेश्वर पांडेय ने मुख्यालय स्तर पर गठित कोर कमिटी जी बैठक में पुलिस लाइन में औचक छापेमारी कर शराब की चेकिंग करवाने का फैसला लिया. वैसे पुलिस लाइन में शराब मिलने, पुलिसकर्मियों द्वारा शराब पीने का मामला कई बार सामने आ चुका है. पटना पुलिस लाइन में तो बिहार पुलिस एसोशिएसन के तत्कालीन अध्यक्ष निर्मल सिंह को कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ शराब पीते पकडा गया था. ऐसे में पुलिस को शक था कि पुलिस लाइन भी शराब की बिक्री का केंद्र बनती जा रही है. एडीजी (विधि-व्यवस्था) अमित कुमार ने बताया कि सभी पुलिस लाइनों में जांच की जा रही है. इसकी जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षकों की दी गई है. दो दिन पहले पटना पुलिस लाइन में एक महिला सिपाही के बेटे द्वारा शराब की बिक्री किये जाने की सूचना के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया था.
बताया जा रहा है कि सरकार की हरी झंडी मिलते ही सभी पुलिस लाइनों में एक साथ छापेमारी का निर्णय लिया गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ समय से पुलिस मुख्यालय को अफसरों को पुलिस लाइन में अवांछित गतिविधियों की सूचना मिल रही थी. लिहाजा गुरुवार की रात नौ बजे के बाद एक साथ प्रदेश की सभी पुलिस लाइनों में विशेष अफसरों के जांच दल ने धावा बोला. सभी जांच दलों में विशेष सशस्त्र बल के जवान और पुलिस के आला अफसर शामिल किये गये. इस एक्शन की प्लानिंग पुलिस मुख्यालय से की गयी. पटना पुलिस अफसरों ने 12 बडे बैरकों और 17 छोटे बैरकों में तलाशी लेनी शुरू की, जिसमें शराब की खाली बोतलें बरामद की गईं. इस दौरान शराब के नशे की हालत में एक सिपाही गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार सिपाही धर्मराज सिंह दाऊद नगर औरंगाबाद का रहने वाला है. गिरफ्तार सिपाही की मेडिकल जांच करा पुलिस ने हिरासत में रखा है. इसके साथ ही गया पुलिस लाइन में भी चार पुलिस कर्मी दबोचे गए हैं, जिसमें रिटायर्ड सूबेदार टुडूजी, मंगल टिग्गा, लखन उरांव औऱ जावेद मिंज शामिल हैं. ये सभी शराब के नशे में चूर थे. ऐसे में अब सवाल यही उठने लगा है कि बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है और जिस पुलिस पर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की जिम्मेवारी है उसी पुलिस के यहां शराब की खोज के लिये तलाशी होना बडी बात है. यह पहला मौका है जब मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों के पुलिस लाइन में एक साथ छापेमारी की कार्रवाई हुई है.