भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव होंगे बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष, जानिए इनके बारे में
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 17, 2020 01:24 PM2020-11-17T13:24:58+5:302020-11-17T13:35:17+5:30
पटना साहिब से सातवीं बार विधायक चुने गए नंदकिशोर यादव को शीर्ष आलाकमान ने सूचना दे दी है। निवर्तमान विधानसभा में जदयू के विजय कुमार चौधरी स्पीकर थे। सोमवार को चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
पटनाः बिहार सरकार में पथ निर्माण सहित कई मंत्रालय में काम कर चुके भाजपा नेता नंद किशोर यादव नए विधानसभा अध्यक्ष होंगे। पटना साहिब से सातवीं बार विधायक चुने गए नंदकिशोर यादव को शीर्ष आलाकमान ने सूचना दे दी है। निवर्तमान विधानसभा में जदयू के विजय कुमार चौधरी स्पीकर थे। सोमवार को चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
भाजपा ने इस बार कई बड़े नेताओं को मंत्री पद से बाहर कर दिया है। इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, जिसमें सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं। वरिष्ठ भाजपा विधायक नदंकिशोर यादव ने बिहार में पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया है। वह पिछली सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री थे।
सूत्रों के मुताबिक, सदन के अध्यक्ष का पद राजग गठबंधन के भीतर बनी आपसी सहमति के अनुसार भाजपा के खाते में गया है। सत्तारूढ़ गठबंधन में 74 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) 43 विधायकों के साथ इस गठबंधन में दूसरे नंबर है।
नंदकिशोर ने विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया था जब नीतीश कुमार राजग से बाहर चले गए थे। वह पूर्व में दो बार भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। हाल ही में संपन्न चुनावों में नंदकिशोर ने कांग्रेस के प्रवीण सिंह को 18,000 से अधिक मतों से हराकर सातवीं बार पटना साहिब सीट से जीतने में सफल हुए हैं।
नए मंत्रिमंडल में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी बनाए गए हैं। निवर्तमान विधानसभा में जदयू के विजय कुमार चौधरी सदन के अध्यक्ष हैं। चौधरी ने नीतीश के मंत्रिमंडल में नए मंत्री के रूप में शपथ ली है। बिहार की राजनीति में नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी।
बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं हैं जिसमें नीतीश कुमार की जदयू को 43 जबकि भाजपा को जदयू से 31 सीट अधिक (74 सीट) हासिल हुईं। नीतीश कैबिनेट का इस बार का स्वरूप बदला नजर आ रहा है। इसमें भाजपा से अधिक मंत्रियों ने शपथ ली और दो उपमुख्यमंत्री बनाये गए।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा के सात मंत्रियों, जदयू से पांच मंत्रियों और ‘हम’ पार्टी तथा वीआईपी पार्टी से एक-एक मंत्री ने शपथ ली थी। नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं। कुमार ने सबसे पहले 2000 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।