Bihar Politics: बिहार जदयू को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे और पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल शुक्रवार को राजद में शामिल हो गए। प्रदेश कार्यालय में तेजस्वी यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस तरह मंगनी लाल मंडल ने एक बार फिर से राजद का लालटेन थाम कर अपने घर वापसी कर ली है। मंगनी लाल मंडल को सांसद मनोज झा, राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी आदि राजद के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। मंगनी लाल मंडल ने पहले ही कहा था कि वे जदयू में लगातार अपमानित हो रहे थे।
एक दिन पहले ही समर्थकों के साथ झंझारपुर के परसा स्थित एक होटल में बैठक के दौरान उन्होंने जदयू से अलग होने की घोषणा की थी। मंगनी लाल मंडल के अचानक आज राजद का दामन थाम लिए जाने के बाद अब यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि संभवत: उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी जाए। बता दें कि 18 जनवरी को राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है।
इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की अस्वस्थता को देखते हुए तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जबकि मंगनी लाल मंडल को बिहार की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है। इसको लेकर सियासी गलियारे में अटकलें लगाई जाने लगी है।
बता दें कि मंगनी लाल मंडल लोकसभा में झंझारपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने संसद के पूर्व सदस्य हैं। इससे पहले, वे 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य थे। इस अवधि के दौरान, वे राज्य कैबिनेट में मंत्री भी थे। 2004 से 2009 तक, वे राज्य सभा के सदस्य भी थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान राष्ट्रीय जनता दल छोड़ दिया और जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए।
अब एक बार फिर से वे राजद में लौट आए है। इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले जदयू के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। झंझारपुर के इलाकों में मंगनी लाल मंडल की पुरानी पैठ रही है। ऐसे में अब चुनाव के ठीक पहले उनका राजद में आना जहां लालू यादव के पुराने साथी की घर वापसी है, वहीं जदयू के लिए यह एक झटके के रूप में है।
इस मौके पर मंगनी लाल मंडल ने कहा कि मैं अपने पुराने घर लौट आया हूं। लालू यादव हमारे नेता हैं। हमारे पुराने सहयोगी हैं। लालू ने अपने कार्यकाल में सामाजिक न्याय को शक्ति प्रदान की। मैं पांच साल जदयू में था। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन मुझसे काम नहीं लिया गया। जदयू में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है।