Bihar Politics RCP: सीएम नीतीश के सामने आरसीपी सिंह?, लव-कुश वोट बैंक में सेंध लगाने की पूरी तैयारी, पीएम मोदी की तारीफ और मुख्यमंत्री की नीति पर हमला

By एस पी सिन्हा | Published: November 1, 2024 05:55 PM2024-11-01T17:55:43+5:302024-11-01T17:56:39+5:30

Bihar Politics PK RCP: आरसीपी सिंह जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं और नीतीश कुमार की नीतियों की आलोचना कर रहे है, उससे साफ है कि नीतीश की मुश्किलें बढ़ेंगी।

Bihar Politics RCP SINGH vs cm nitish kumar All preparations break into Luv-Kush vote bank after all praising PM Modi | Bihar Politics RCP: सीएम नीतीश के सामने आरसीपी सिंह?, लव-कुश वोट बैंक में सेंध लगाने की पूरी तैयारी, पीएम मोदी की तारीफ और मुख्यमंत्री की नीति पर हमला

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Highlightsनीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों नालंदा जिले से ही आते हैं।नीतीश कुमार के लव-कुश वोट बैंक में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज’(आसा) बनाने का ऐलान कर दिया है।

Bihar Politics PK RCP: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजनीति का क,ख,ग,घ सीखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह(आरसीपी सिंह) अब नीतीश कुमार पर ही राजनीति का सारा दांव आजमाने की तैयारी में जुट गए हैं। पार्टी की घोषणा करने के बाद जिस तरह उन्होंने इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून और बिहार के शिक्षा के बदतर हालात पर सवाल उठाए। उससे साफ है कि राजनीति में उनके निशाने पर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ही रहेगी। बता दें कि नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों नालंदा जिले से ही आते हैं। 

माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं और नीतीश कुमार की नीतियों की आलोचना कर रहे है, उससे साफ है कि नीतीश की मुश्किलें बढ़ेंगी। आरसीपी सिंह ने नई पार्टी बनाकर नीतीश कुमार के लव-कुश वोट बैंक में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। आरसीपी सिंह ने दिवाली के दिन अपनी नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज’(आसा) बनाने का ऐलान कर दिया है।

उन्होंने दीपावली के दिन अपनी पार्टी की घोषणा कर बिहार की राजनीति में हलचल तो मचा दी है। लेकिन उनकी पार्टी अगले साल तक लोगों के दिलों में कितना जगह बना पाएगी, यह देखने वाली बात होगी। हालांकि यह तय माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह की पार्टी कुछ पार्टियों का नुकसान का कारण तो बन ही सकती है।

आरसीपी की नई पार्टी ‘आसा’ से जहां उनकी उम्मीदें हैं तो वहीं जदयू को इससे निराशा हो सकती है। ‘आसा’ से नीतीश कुमार को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में निराशा का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आरसीपी की पार्टी ‘आसा’ से मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने की आशा दिखने लगी है।

राजद को लगने लगा है कि अगर कोइरी-कुर्मी वोट बैंक में बिखराव होगा तो राजद को ही इससे फायदा पहुंच सकता है। कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव के कुछ करीबी आरसीपी सिंह के संपर्क में हैं। बता दें कि तेजस्वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष तौर पर विधानसभा में ‘आरसीपी टैक्स’ की बात खुलेआम किया था।

इस बीच सियासी गलियारे में तो चर्चा यह भी चलने लगी है कि आरसीपी साल 2025 में नीतीश कुमार के लिए ‘चिराग पासवान’ साबित हो सकते हैं। हालांकि, चर्चा यह भी चल रही है कि साल 2025 से पहले आरसीपी जदयू में वापसी का ताना बाना बुन रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की तरह नीतीश कुमार देर-सवेर उन्हें भी बुला लेंगे।

बता दें कि आरसीपी ने गुरुवार को कहा था कि हमारे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 140 मजबूत उम्मीदवार तैयार हैं। वहीं, आरसीपी के इस बयान पर जदयू ने तंज कसते हुए कहा कि ‘जो बल्ब फ्यूज हो चुका है वह जल नहीं सकता है। फ्यूज बल्ब से रोशनी नहीं पहुंचाई जा सकती है। बिहार में नीतीश कुमार जैसा नेता है, जो कम वोल्टेज पर भी ज्यादा रोशनी देने का मद्दा रखता है। उनकी पुरानी छवि ही उनका साथ नहीं छोड़ेगी।

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