पटनाः जदयू कार्यालय में अपनी फोटो नहीं देख जदयू के वरिष्ठ नेता और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव आज भडक गए। दरअसल, बिहार की राजधानी पटना स्थित जदयू के प्रदेश कार्यालय में सोमवार को एक बैठक बुलाई गई थी। इसी दौरान कर्पूरी सभागार में आयोजित बैठक के दौरान बिजेंद्र यादव नाराज हो गए। उन्होंने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जदयू में नहीं हैं। अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि जब पोस्टर में मेरी तस्वीर ही नहीं है तो हमको क्यों बुलाया गया है? वह भड़क गए और बैठक का बहिष्कार कर वहां से निकल गए।
पार्टी के बड़े नेता की नाराजगी से बिहार की सियासत में खलबली मच गई और तरह-तरह की बातें होने लगी। इसी बीच तेजस्वी यादव का भी बयान आ गया और उन्होंने कहा कि बिजेन्द्र यादव को किसी बात से तकलीफ हुई होगी, इसलिए ऐसा बयान दे रहे हैं। बिजेन्द्र यादव के बयान के बाद कयास तेज हो गई कि वह जदयू छोड़ने वाले हैं।
लेकिन बाद में बिजेन्द्र यादव फिर से मीडिया के सामने आए और कहा कि यह सब अफवाह वाली बातें, मैंने तो मजाक किया था। उन्होंने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं। ऐसी कोई बात नहीं है। मजाक में इस तरह की बात हमने की है। बता दें कि जदयू की यह महत्वपूर्ण बैठक लोकसभा चुनाव के बाद हुई है।
बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के साथ कई बड़े मंत्री और पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाना है। उल्लेखनीय है कि जदयू में मतभेद पहले भी देखने को मिल चुके हैं।
इससे पहले वक्फ बोर्ड बिल पर जदयू में फूट देखने को मिली थी। पार्टी के विधान पार्षद गुलाम गौस ने खुलकर इस बिल का विरोध किया था, जबकि लोकसभा में जदयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इस बिल का समर्थन किया था। गुलाम गौस ने तो यहां तक दिया था कि भाजपा सरकार हमेशा मुसलमानों के खिलाफ ही कार्य करती आई है।
यह बिल वक्फ के जमीन को छीनने की कोशिश है। उन्होंने कहा था कि वक्फ की देशभर में 7 लाख एकड़ भूमि पर केंद्र सरकार अपनी गिद्ध नजर लगाए हुए है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।