Bihar Politics News: जन सुराज के सूत्र धार प्रशांत किशोर के द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किए जाने के बाद सियासत गर्मा गई है। इसको लेकर पक्ष-विपक्ष के नेता लगातार प्रशांत किशोर पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी ट्वीट कर पीके का नाम लिए बिना कहा कि पहले ब्रोकरी (दलाली), फिर चुनाव-प्रचार की ठेकेदारी .. अब 'आकाओं' की शह पर बिहार की 243 विधानसभा- सीटों पर दावेदारी.. ! ज्यादा अहमियत देने व समझने की दरकार नहीं है, दो सवाल ही काफी हैं, समझने के लिए 'ठेकेदार' की कारस्तानी - कारगुजारी।
रोहिणी ने आगे लिखा है कि अपनी मंडली के लोगों से 'ठेकेदार' का है कहना " पैसों की परवाह नहीं करना " .. न कोई जनाधार, ना ही समर्थक-कार्यकर्ता जुटा रहे चंदा, फिर किसकी है फंडिंग.. कहां से आ रहा है पैसा ?? ' चंदा चोरों का है पैसा, जिसके बूते 'ठेकेदार' खड़ा कर रहा है तमाशा ... गोदी मीडिया में दी जा रही 'ठेकेदार' को तरजीह, बनाया जा रहा इसके बड़बोलेपन को डिबेट/बहस का मुद्दा .. किसके इशारे पर मिल रहा मीडिया-माइलेज? .. आकाओं के कहने पर मीडिया के द्वारा 'चूहे" को बताना 'डायनासोर' ही है सबसे बड़ा इशारा ..।
इसबीच रोहिणी के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जनसुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता संजय कुमार ठाकुर ने कहा कि राजद नेत्री रोहिणी आचार्य का इस तरह कहना उनका मानसिक दिवालियापन और घटिया सोच का प्रमाण है। चलनी हंसलिन सूप के जिनका अपने बहत्तर को छेद वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है रोहिणी आचार्य।
उन्हें याद रखना चाहिए कि जब 2014 से पूर्व राजद सिमट कर तेईस विधायक वाली पार्टी रह गई थी। तब इसी प्रशांत किशोर जी ने 2015 में महागठबंधन बना कर (राजद, कांग्रेस और जदयू) बिहार की सत्ता वापस दिलाई थी। उसे भूलना उनकी कृतघ्नता है। मवेशी का चारा खाने से लेकर जमीन के बदले नौकरी देने वाले परिवार के सदस्य रोहिणी किस मुंह से प्रशांत किशोर जी पर फब्तियां कसती है? उन्हें शर्म क्यों नहीं आती?