बिहार: सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के जदयू में आने को लेकर गरमाई सियासत, जदयू नेताओं ने की आवाज बुलंद
By एस पी सिन्हा | Updated: December 9, 2025 17:46 IST2025-12-09T17:46:00+5:302025-12-09T17:46:00+5:30
जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और मंत्रियों का कहना है कि निशांत कुमार जल्द से जल्द जदयू की सदस्यता लें।

बिहार: सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के जदयू में आने को लेकर गरमाई सियासत, जदयू नेताओं ने की आवाज बुलंद
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की जदयू की सदस्यता ग्रहण करने को लेकर सूबे में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और मंत्रियों का कहना है कि निशांत कुमार जल्द से जल्द जदयू की सदस्यता लें। इसी कड़ी में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार की जनता, राज्य के नौजवान और आने वाली पीढ़ियां चाहती हैं कि निशांत कुमार जदयू के जरिए राजनीति में प्रवेश करें। जब इतनी बड़ी संख्या में लोग चाहते हैं, तो उन्हें जरूर आना चाहिए और पार्टी का नेतृत्व संभालना चाहिए। उनकी सोच अच्छी है, इसलिए कमान उन्हें ही देना चाहिए। लंबे समय से यह चर्चा चल रही है, ऐसे में अब देरी करना ठीक नहीं होगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने इस विषय पर नीतीश कुमार या निशांत कुमार से बात की है, तो उन्होंने कहा कि जब जनता और नौजवानों का रुख साफ है तो मुख्यमंत्री तक इसकी जानकारी पहुंच ही जाती होगी। हमारी तरफ से बस यही प्रस्ताव है कि जब जनता, कार्यकर्ता और नौजवान चाह रहे हैं, तो उन्हें आगे आना चाहिए। हालांकि निशांत कुमार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका केवल इतना कहना है कि मेरे पिताजी लगातार काम कर रहे हैं और बिहार की जनता उन पर पूरा भरोसा करती है। जनता ने ही उन्हें बार-बार पूर्ण बहुमत देकर सत्ता सौंपी है। इसबीच जदयू कार्यालय और पटना शहर में लगे कुछ पोस्टरों के कारण बढ़ी है। इन पोस्टरों पर स्पष्ट रूप से लिखा है “नीतीश सेवक… मांगे निशांत… अब पार्टी की कमान संभालेंगे निशांत भाई।”
यह संदेश पार्टी के भीतर एक वर्ग की इच्छा को दर्शाता है जो अब निशांत कुमार को नेतृत्व की भूमिका में देखना चाहता है। दरअसल, पिछले दो दशकों से नीतीश कुमार बिहार के प्रमुख राजनीतिक चेहरा रहे हैं, लेकिन उनका परिवार हमेशा राजनीति से दूर रहा है। निशांत कुमार ने कभी सार्वजनिक रूप से राजनीति में रुचि नहीं दिखाई। इसके बावजूद, जदयू दफ्तर और शहर के प्रमुख चौराहों पर 'पार्टी की कमान संभालने' का आग्रह करने वाले ये पोस्टर पहली बार लगे हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में गरमाहट बढ़ गई है।
पोस्टर में नीतीश कुमार को उनकी 10वीं शपथ के लिए बधाई भी दी गई है, लेकिन साथ ही नेतृत्व की जिम्मेदारी निशांत को सौंपने का दावा किया गया है। पोस्टर सामने आने के बाद राजनीतिक विश्लेषक इसे जदयू के भविष्य के नेतृत्व से जोड़कर देख रहे हैं। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने भी इस चर्चा को और हवा देते हुए मीडिया से कहा कि कार्यकर्ता और समर्थक चाहते हैं कि निशांत कुमार पार्टी में आएं और काम करें। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय निशांत का ही होगा।
यह बयान बताता है कि पार्टी के भीतर भविष्य के नेतृत्व को लेकर एक जरूरत महसूस की जा रही है, जिस कारण निशांत के नाम को उभारा जा रहा है। हालांकि अब तक यह धारणा थी कि नीतीश कुमार अपने बेटे को राजनीति से दूर रखना चाहते हैं, जैसा कि उन्होंने कई अवसरों पर खुद कहा भी है। लेकिन इन पोस्टरों और पार्टी नेताओं के बयानों ने इस धारणा को चुनौती दी है। यदि निशांत कुमार राजनीति में आते हैं, तो यह जदयू के चेहरे में बदलाव ला सकता है और युवा वर्ग को आकर्षित कर सकता है।
