बिहार की राजनीति में पकने लगी है नई सियासी खिचड़ी, राजद नेता श्याम रजक और चिराग पासवान की मुलाकात से गरमाई राजनीति
By एस पी सिन्हा | Published: July 11, 2021 08:29 PM2021-07-11T20:29:46+5:302021-07-11T20:32:47+5:30
बिहार में शाह और मात का खेल तेज हो गया है। एनडीए से गठबंधन टूटने के बाद चिराग को महागठबंधन में शामिल करने की कवायद राजद ने तेज कर दी है।
पटनाः बिहार की सियासत में अब एकबार फिर से चौसर बिछ गई है। सियासत की नई खिचड़ी पकाने की कवायद शुरू हो चुकी है। एक ओर जहां लोजपा की कमान को लेकर चाचा-भतीजे में लड़ाई जारी है, वहीं दूसरी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी सियासी छटपटाहट शुरू कर दी है, ताकि अपने छोटे बेटे तेजस्वी को बिहार की सत्ता पर गद्दीनशीं करा सकें। इसी कड़ी में बिहार में शाह और मात का खेल तेज हो गया है। एनडीए से गठबंधन टूटने के बाद चिराग को महागठबंधन में शामिल करने की कवायद राजद ने तेज कर दी है।
इस बीच चिराग पासवान और राजद नेता श्याम रजक की मुलाकात ने बिहार की राजनीति में एक नया सियासी शिगूफा छेड़ दिया है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात दिल्ली में हुई है। चिराग पासवान शनिवार को ही आशीर्वाद यात्रा के बीच इन दिल्ली रवाना हो गए थे और श्याम रजक से उनकी मुलाकात हुई। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या तेजस्वी यादव के दूत बनकर श्याम रजक ने चिराग पासवान से मुलाकात की है? चर्चा है कि श्याम रजक ने लालू प्रसाद यादव से भी शुक्रवार को मुलाकात की थी। उनकी कांग्रेस के कुछ बडे़ नेताओं से भी मुलाकात भी हो चुकी है। राज्य के राजनीतिक गलियारे में श्याम रजक और चिराग पासवान की मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। लोजपा में टूट के बाद राजद के किसी बडे़ नेता ने पहली बार चिराग पासवान से मुलाकात की है।
जानकारों के अनुसार चिराग पासवान भविष्य की राजनीति को लेकर जो फैसला करने वाले हैं, उस पर राजद की निगाहें टिकी हुई हैं। चिराग और श्याम रजक के बीच काफी देर तक बातचीत हुई है। चर्चा यह भी है कि श्याम रजक ने चिराग पासवान को एकजुट होने के लिए पेशकश की है। हालांकि श्याम रजक ने इस मुलाकात को व्यक्तिगत बताया है। उनका कहना है कि स्व. राम विलास पासवान के परिवार से उनका व्यक्तिगत रिश्ता रहा है। चिराग से उनकी मुलाकात राजनीतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत है। रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर उनकी मुलाकात चिराग पासवान से नहीं हो पाई थी लिहाजा उन्होंने अब दिल्ली में मुलाकात की है।
जानकारों के अनुसार यह मुलाकात इसलिए भी सियासी मायनों में काफी अहम है, क्योंकि शनिवार को चिराग से मुलाकात से ठीक पहले शुक्रवार को श्याम रजक ने राजद अध्यक्ष लालू यादव से भेंट की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मीरा कुमार से भी मुलाकात की थी। ऐसे में सियासी गलियारों में अब यह प्रश्न उठने लगे हैं कि क्या लालू प्रसाद यादव अथवा तेजस्वी यादव का कोई खास संदेश था, जिसे श्याम रजक लेकर पहुंचे थे, क्या बिहार में राजद कोई नया समीकरण गढने की कोशिश में है? या फिर कुछ और ही सियासी खिचड़ी पक रही है?
उल्लेखनीय है कि चिराग पासवान से श्याम रजक की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा चुका है। चिराग अब भाजपा से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। चिराग लोजपा में टूट के बाद जिस तरह भाजपा से उम्मीद लगाए बैठे थे वह सारी बातें खत्म हो चुकी हैं। अब चिराग पासवान को भी भविष्य का फैसला करना है। ऐसे में श्याम रजक से उनकी बातचीत किस स्तर पर हुई है? यह फिलहाल पर्दे के पीछे है।
जानकारों के अनुसार लोजपा टूट के बाद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में बने नए गुट को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मिली मान्यता और फिर पारस को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद से चिराग भाजपा से बेहद नाराज हैं। माना जा रहा है कि लोजपा प्रकरण पर पीएम मोदी की चुप्पी ने भी चिराग का भाजपा से मोह भंग कर दिया है। तेजस्वी यादव ने चिराग से विपक्ष के साथ गठबंधन करने का आह्वान करते हुए कहा था कि वह अपने पिता राम विलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ ’अस्तित्व की लड़ाई में शामिल होकर ही आगे ले जा सकते हैं।