Bihar Politics: राजद के साथ जा सकते हैं सीएम नीतीश!, भाजपा और जदयू रिश्ते में दरार, गठबंधन पर खतरा, आरसीपी के बहाने ललन सिंह ने किया हमला
By एस पी सिन्हा | Published: August 7, 2022 08:00 PM2022-08-07T20:00:33+5:302022-08-07T20:02:18+5:30
Bihar Politics: वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की ‘लोजपा’ ने जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से कई भाजपा के बागी थे और मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी की सीट संख्या पांच साल पहले के 71 से घटकर 43 रह गई थी.
पटनाः बिहार की सियासत में एकबार फिरसे उलटफेर के आसार दिखाई पड़ रहे हैं. भाजपा-जदयू में चल रही खींचतान से गठबंधन सरकार पर आंच आता दिख रहा है. ऐसे में भाजपा और जदयू के गठबंधन पर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं. आरसीपी सिंह के बहाने ललन सिंह ने इशारों-इशारों में भाजपा पर भी निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का कद छोटा करने की साजिश रची गई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग मॉडल बनाकर नीतीश कुमार के खिलाफ षड्यंत्र हुआ और अब आरसीपी को मॉडल बनाया जा रहा था. ललन सिंह ने कहा कि षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचान हो गई है. जल्द ही खुलासा किया जाएगा, अभी ट्रेलर देखिए, फिल्म बाद में देखिएगा.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की ‘लोजपा’ ने जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से कई भाजपा के बागी थे और मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी की सीट संख्या पांच साल पहले के 71 से घटकर 43 रह गई थी.
भाजपा के साथ आगे के गठबंधन पर ललन सिंह ने कहा कि 2024 और 2025 में जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन रहेगा या नहीं रहेगा ये भविष्य बताएगा. इसके बारे में हम अभी कैसे प्रतिबद्ध हो सकते हैं? ये तो पार्टी कमेटी मिल बैठकर निर्णय लेगी. उधर, भाजपा और जदयू के बीच तनातनी इतनी बढ गई है कि नीतीश कुमार अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक का बायकॉट करने लगे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही नीति आयोग की बैठक से नीतीश कुमार ने किनारा कर लिया. उनका इस बैठक में न जाना कई सवाल खड़ा कर रहा है. सियासी गलियारे में चर्चा है कि क्या बिहार की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है? यह दूसरी बार है जब नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में शामिल नहीं हुए.
भाजपा और जदयू के बीच चा रही शह और मात की शुरुआत कल आरसीपी के इस्तीफे से हो चुकी है. लेकिन अब सवाल यह है कि आगे क्या? आरसीपी के करीबियों का कहना है पार्टी के अंदर के कुछ नेताओं ने आरसीपी सिंह के खिलाफ माहौल बनाया है. जिसका नतीजा अब पार्टी को ही भुगतना पड़ेगा. माना जा रहा है तलवार दोनों ओर से खींच चुकी है. ऐसे में दोनों ओर से कई राज अभी बाहर आने वाले हैं.
इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिस तरीके से जदयू की ओर से बेआबरू कर निकाला गया, आरसीपी भी पार्टी को बेपर्दा करने में जुट गए तो पार्टी आगामी चुनाव तक जदयू की स्थिति और खराब हो सकती है. जदयू ने अपने सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है. उम्मीद है कि इस बैठक में जयदू कोई बड़ा फैसला ले सकती है.
बता दें कि बिहार में पिछले कई दिनों से सियासी उठापटक के संकेत मिल ही रहे हैं. बीते कुछ समय से बिहार में कई मुद्दों पर भाजपा और जदयू के नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आए हैं. दोनों दलों के नेताओं के बयान में विरोधाभास देखने को मिला. बिहार में भाजपा, जदयू के साथ सत्ता में है.
भाजपा के ज्यादा विधायक होने के बावजूद जदयू प्रमुख नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हैं. सियासत के जानकार बताते हैं कि बिहार में भाजपा ज्यादा विधायक होने के चलते अपने हिसाब से सत्ता चलाना चाहती है, लेकिन नीतीश कुमार हैं कि सत्ता की चाबी अपने पास रखे हुए हैं.
इसबीच सियासी गलियारे में तो यह भी चर्चा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा का दामन छोड़ राजद के साथ जाने वाले हैं. तैयारी यहां तक हो गई है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे, लेकिन इस बार उपमुख्यमंत्री कोई नहीं होगा, लेकिन राजद के समर्थन से सरकार चलेगी. अब इन कयासों में कितना दम है, यह तो आने वाले कुछ दिनों में तय हो जाएगा. लेकिन सियासत के लिए आने वाले चंद बेहद अहम हैं.