बिहार में नियुक्ति पत्र लेने वाले पुलिसकर्मी पशोपेश में, नियुक्ति पत्र की उपयोगिता पर उठ रहे हैं सवाल, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: November 18, 2022 03:18 PM2022-11-18T15:18:10+5:302022-11-18T15:18:10+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने के कार्यक्रम को लेकर विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा बुधवार को कुल 10459 पुलिस कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटा गया था। अब नियुक्ति पत्र लेने के बाद इन पुलिस कर्मियों के समक्ष एक अहम सवाल यह उठ खडा हुआ है कि जिस नियुक्ति पत्र को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के द्वारा दिया गया है उसे सही माना जाये अथवा जिस नियुक्ति पत्र के आधार पर उन्होंने पहले योगदान दिया था और उसी आधार पर ट्रेनिंग ले रहे थे, उसे सही माना जाये? अगर पहले वाले को सही माना जाता है तो फिर इस नियुक्ति पत्र का क्या किया जाये?
इस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हांथों नियुक्ति पत्र पाकर एक तरफ जहां पुलिसकर्मी खुश हैं कि मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचाने का मौका मिला, तो दूसरी ओर परेशान इस कारण से हैं कि इस नियुक्ति पत्र की उपयोगिता उनके लिए क्या है? अब इन नियुक्ति पत्रों को सिवाय मढवाकर घर में टांगने के अलावे वह किसी काम का नही है। अब इस नियुक्ति की हकीकत यह है कि जिन 2062 दरोगा यानि सब इंस्पेक्टर और 215 सार्जेंट को नियुक्ति पत्र दिया गया, उनकी बहाली तो 10 महीने पहले ही हो चुकी थी।
11 जनवरी 2022 को बिहार के पुलिस मुख्यालय ने 12 डीआईजी को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि वे अपने क्षेत्र से संबंधित सब इंस्पेक्टर और सार्जेंट को नियुक्ति पत्र सौंप दें। पुलिस मुख्यालय के निर्देश के मुताबिक जनवरी 2022 में ही ऐसे तमाम सब इंस्पेक्टर और सार्जेंट को संबंधित डीआईजी ने नियुक्ति पत्र सौंप दिया था। वैसे भी शुरू से पुलिस मुख्यालय की यही परंपरा रही है कि सब इंस्पेक्टर स्तर के लोगों को डीआईजी नियुक्ति पत्र देते हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने 10 महीने से काम कर वेतन उठा रहे सब इंस्पेक्टर को पटना बुलाकर नियुक्ति पत्र सौंपा। अब जबकि मामले ने तूल पकड़ा है तो पुलिस मुख्यालय ने नव चयनित 10559 दरोगा, सार्जेंट तथा सिपाहियों की नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने विज्ञापन सं- 3/2020 दिनांक 14 अगस्त 2020 के माध्यम से अवर निरीक्षकों के 1998 पद एवं परिचारी के 215 पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे।
इस परीक्षा का रिजल्ट 14 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया। आयोग ने 25 जुलाई 2022 को अभ्यर्थियों की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय को भेजी थी। यहां उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार ने पिछले तीन महीने में नियुक्ति पत्र बांटने के 7 कार्यक्रम किये और सब में वही खेल किया गया। सरकार ने बुधवार को अच्छी खासी रकम खर्च कर उन्हें नियुक्ति पत्र बांटने का समारोह किया। टीवी चैनलों पर सरकार ने इस कार्यक्रम का पैसे देकर यानि पेड लाइव टेलीकास्ट कराया। इस तरह से चेहरा चमकाने के लिए सारे नियमों की धज्जियां उड़ा दी गईं।