बिहार पुलिस का गजब कारनामा, दो साल पहले मर चुके व्यक्ति पर दर्ज किया मुकदमा, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2021 09:25 PM2021-06-13T21:25:32+5:302021-06-13T21:25:32+5:30
थाने में यह केस 10 जून को दर्ज कराया गया। इसमें सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि आरोपियों में सातवें नंबर पर जिस व्यक्ति का नाम दिया गया है, उसकी मौत साल 2019 में ही हो चुकी है।
बिहार में किस तरह से फर्जी मुकदमों में फंसाया जाता है, इसका ताजा उदाहरण जहानाबाद जिले में सामने आया है। जिले के घोसी थाना इलाके में जिस व्यक्ति की 2 साल पहले बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। उसके ऊपर एससी/एसटी का केस थाने में दर्ज कराया गया है। इसमें वैना गांव के रहने वाले जगदीश दास नाम के एक शख्स ने एससी/एसटी एक्ट के तहत कुल 8 लोगों के ऊपर केस दर्ज कराया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जहानाबाद के अनुसूचित जाति/जनजाति थाने में दर्ज कांड संख्या 17/2021 है। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के अलावा अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। दर्ज कराये गये मुकदमें में वैना गांव निवासी 23 वर्षीय नीरज कुमार को भी अभियुक्त बनाया गया है, लेकिन नीरज का निधन वर्ष 2019 में 14 मई को ही हो गया है।
इसके बावजूद आरोपित नंबर सात पर उसका नाम दर्ज है। जगदीश दास के द्वरा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में यह कहा गया है कि 9 जून की सुबह जब वह अपने गांव के ही एक दुकान पर सामान खरीदने गया था। उसी वक्त आरोपियों ने उसके साथ गाली-गलौज की और लात घूंसे से उसकी पिटाई की। जगदीश दास का आरोप है कि किसी तरह वह आरोपियों के चंगुल से छूटकर भागा। तब उसकी जान बच पाई। आरोपितों ने यह भी धमकी दी है कि यदि मुकदमा किया तो परिणाम काफी बुरा होगा। इसमें नीरज कुमार भी शामिल था।
वहीं, गांव के लोगों के अनुसार रंगनाथ शर्मा का पुत्र नीरज साल 2019 में ही किडनी की बीमारी की वजह से इस दुनिया को छोडकर चला गया था। उसके मृत्यु का रजिस्ट्रेशन भी मोदनगंज प्रखंड की गंधार ग्राम पंचायत में दर्ज ग्राम पंचायत से की तरफ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में रजिस्ट्रेशन की तारीख 1 जुलाई 2019 है। इसके बावजूद एससी/एसटी एक्ट के तहत मृतक के खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर प्राथमिकी में किसी मृत व्यक्ति का नाम पाया गया है तो उस नाम को तत्काल हटाया जाएगा।