बिहारः लंबे अर्से बाद PM मोदी और नीतीश कुमार किसी रैली में एक साथ होंगे
By एस पी सिन्हा | Published: January 25, 2019 06:33 PM2019-01-25T18:33:30+5:302019-01-25T18:33:30+5:30
जून 2013 से लेकर जुलाई 2017 तक वह एनडीए का हिस्सा नहीं थे. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जुलाई 2017 में एक बार फिर से प्रदेश में एनडीए की सरकार बनने के बाद और नीतीश कुमार की यह पहली साझा जनसभा होगी.
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 3 मार्च को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. एनडीए की इस होने वाली रैली में 9 साल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार किसी चुनावी सभा को एक साथ संबोधित करेंगे. इसमें लोजपा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी साथ रहेंगे. रैली की तैयारी शुरू कर दी गई हैं.
यहां बता दें इस रैली से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 3 फरवरी को गांधी मैदान में जन आकांक्षा रैली करने वाले हैं. ऐसे में एनडीए इस रैली जवाबी रैली के तौर पर देखा जा रहा है. बताया जाता है कि इससे पहले 2010 में पंजाब के लुधियाना में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने एनडीए के लिए साझा प्रचार किया था. नीतीश कुमार 1998 से एनडीए का हिस्सा रहे हैं और लगातार गठबंधन के लिए प्रचार-प्रसार करते रहे हैं.
हालांकि, जून 2013 से लेकर जुलाई 2017 तक वह एनडीए का हिस्सा नहीं थे. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जुलाई 2017 में एक बार फिर से प्रदेश में एनडीए की सरकार बनने के बाद और नीतीश कुमार की यह पहली साझा जनसभा होगी.
एनडीए की इस चुनावी सभा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एनडीए के घटक दलों के बीच में इस जनसभा को लेकर बातचीत चल रही है, मगर कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि 3 मार्च को जनसभा गांधी मैदान में होगी जिसको सफल बनाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.
दूसरी तरफ राहुल गांधी की होने वाली रैली को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि 3 फरवरी को होने वाली रैली में महागठबंधन के अन्य नेताओं के शामिल होने का कार्यक्रम है, जिसमें राजद नेता तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं.
तारिक अनवर ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की यह पहली बिहार यात्रा होगी और इसको लेकर पूरे प्रदेश में तैयारी चल रही है. हालांकि, तारिक अनवर ने राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के तालमेल को लेकर फंसे विवाद पर यह कहकर पल्ला झाड लिया कि राहुल गांधी की रैली के बाद सीटों के तालमेल का मसला सुलझा लिया जाएगा.
यहां बता दें कि 2014 में राजद और कांग्रेस में गठबंधन में लोकसभा चुनाव लडा था, जिसमें राजद 27 सीटों पर और कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लडी थी. इसी फॉर्मूले के तहत इस बार भी कांग्रेस चाहती है कि वहां गठबंधन में उसे 12 सीट लडने के लिए दी जाए. जबकि राजद 8 सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं है.
तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर इस बात से कांग्रेस को अवगत करा दिया है कि महागठबंधन को सफल बनाने के लिए सभी दलों को सीटों की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना चाहिए. उधर, तेजस्वी यादव के इस बात का भी उनके बडे भाई और तेज प्रताप यादव ने भी समर्थन किया है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए कांग्रेस का नेतृत्व महागठबंधन के लिए बेहद जरूरी है.