32 साल पुराने अपहरण मामले में पूर्व सांसद सह जाप संरक्षक पप्पू यादव बरी, जानिए ट्वीट कर क्या कहा
By एस पी सिन्हा | Published: October 4, 2021 06:29 PM2021-10-04T18:29:41+5:302021-10-04T18:30:51+5:30
जाप समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर के बाहर अपनी खुशी का इजहार किया और पप्पू यादव जिंदाबाद के नारों के साथ जश्न मनाते नजर आए. इस दौरान पप्पू यादव ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है.
पटनाः पूर्व सांसद सह जाप संरक्षक पप्पू यादव को 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में आज अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया. विपक्ष की ओर से अपहरण के मामले कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका.
एडीजे(3) निशिकांत ठाकुर की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. इसतरह से पांच माह से जेल में बंद पप्पू यादव की आज रिहाई हो गई है. बता दें कि 11 मई को पटना से पप्पू यादव को गिरफ्तार किया गया था. एक अपहरण के मामले में पूर्व सांसद की गिरफ्तारी हुइ थी. बताया जा रहा है कि फैसला सुरक्षित रखा गया था, जिसकी आज सुनवाई की गई.
वहीं पप्पू यादव बरी किये जाने की खबर मिलते ही मधेपुरा कोर्ट के बाहर उनके समर्थक इकट्ठा हो गये. इस दौरान पप्पू यादव अपने कार्यकर्ताओं को देख भावुक हो गये. जाप समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर के बाहर अपनी खुशी का इजहार किया और पप्पू यादव जिंदाबाद के नारों के साथ जश्न मनाते नजर आए. इस दौरान पप्पू यादव ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है.
कोर्ट से बरी होने के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट कर कहा है कि इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ. जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया. साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था. न्यायालय के प्रति आभार! मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा. आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा.
पप्पू यादव ने यह भी कहा कि देश की स्थिति बहुत बुरी है. आपातकाल की तरह है. मैं सिर्फ इतना कहूंगा सच्चाई की जीत हुई है. जनता के आशीर्वाद से व्यवस्था ने जो न्याय दिया है, मैं भगवान की तरह उनका स्मरण करता हूं. सत्य कभी परेशान नहीं होता एक ऐसे केस में मुझे पांच महीनों तक रखा गया. जिसमें आम आदमी को एक दिन नहीं रखा जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि करीब 32 साल पहले 29 जनवरी 1989 मधेपुरा के मुरलीगंज थाने में अपहरण का एक केस दर्ज हुआ था. शैलेंद्र यादव नाम के एक व्यक्ति ने केस दर्ज कराया था. इस मामले में मुरलीगंज थाना में अपहरण से संबंधित केस 9/89 दर्ज कर लिया गया था. इस केस में मुरलीगंज निवासी सूचक सह अपहृत राम कुमार यादव और उमा यादव के द्वारा बाद में समझौता कर लिया गया था.
साथ ही पप्पू यादव को तत्काल जमानत भी मिल गई थी, लेकिन 32 वर्ष पुराने इस केस में समय सही समय पर हाजरी और पैरवी नहीं होने से पप्पू यादव की जमानत टूट गई. लेकिन पुलिस ने वारंट के आधार पर उनकी गिरफ्तारी नहीं की. इसके बाद मार्च 22 को 2021 में न्यायालय द्वारा समन जारी किया गया.
उसके बाद पटना में पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पुलिस पटना से मधेपुरा लेकर चली गई. गिरफ्तारी के बाद उन्हें मधेपुरा सिविल कोर्ट में रिमांड के लिये पेश किया गया. 11 मई 2021 की मध्य रात्रि में कोर्ट ने पप्पू यादव को न्यायिक हिरासत में वीरपुर जेल भेज दिया.