कृषि बिल के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध, तेजस्वी यादव ने कहा- सरकार किसानों का शोषण कर रही है, भाजपा और जाप समर्थकों में झड़प
By एस पी सिन्हा | Published: September 25, 2020 03:23 PM2020-09-25T15:23:48+5:302020-09-25T15:23:48+5:30
पटना में तो भाजपा और जाप समर्थकों के बीच भिड़त हो गई. वहीं बेगूसराय जिले में सैकड़ों की संख्या में बंद समर्थकों ने एनएच-31 को जाम कर दिया. इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई. झंडा-बैनर के साथ कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता केन्द्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते रहे. इसबीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोला.
पटनाः कृषि बिल के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. कृषि बिल के विरोध में बिहार में राजद और पप्पू यादव की पार्टी जाप के नेता आज सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया.
राजधानी पटना में तो भाजपा और जाप समर्थकों के बीच भिड़त हो गई. वहीं बेगूसराय जिले में सैकड़ों की संख्या में बंद समर्थकों ने एनएच-31 को जाम कर दिया. इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई. झंडा-बैनर के साथ कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता केन्द्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते रहे. इसबीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार किसानों का शोषण कर रही है. आज इस बिल के खिलाफ किसान कर्फ्यू कर देश भर में चक्का जाम किया जा रहा है. पटना की सड़कों पर तेजस्वी यादव अपनी सेना के साथ केन्द्र और नीतीश सरकार के खिलाफ उतर गए हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कृषि विधेयक के विरोध में आज सुबह ट्रैक्टर पर सवार होकर प्रदर्शन किया.
एनडीए सरकार लगातार गरीब और किसान विरोधी फैसले ले रही
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार लगातार गरीब और किसान विरोधी फैसले ले रही है. कृषि बिल के खिलाफ किसानों में भारी आक्रोश है. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को किसान और गरीब विरोधी पार्टी बताया. तेजस्वी यादव ने ट्रैक्टर चलाते हुए संसद में पारित कृषि बिल के विरोध में भाग लिया.
उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे 'अन्नदाता' को 'फंड दाता' के माध्यम से कठपुतली बना दिया है. कृषि बिल किसान विरोधी हैं और उन्होंने उन्हें छोड दिया है. सरकार ने कहा था कि वे 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे, लेकिन ये बिल उन्हें गरीब बना देंगे. कृषि क्षेत्र का कॉर्पोरेटीकरण किया गया है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबको कहते हैं कि ज्ञान नहीं है और खुद को बड़का ज्ञानी समझते हैं. लेकिन हम पूछना चाहते हैं कि क्या उन्होंने कृषि विधेयक को पढ़ा भी है या नहीं? तेजस्वी यादव ने इस दौरान नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि एक बार फिर से नीतीश जी ने यू टर्न मार लिया है. उन्होंने कहा कि इस बिल ने अन्नदाताओं को तोड़ दिया है. इस बिल की वजह से किसान और गरीब होता जाएगा. इस बिल को हर हाल में सरकार को वापस लेना चाहिए.
एकतरफा 3 कृषि विधेयकों का पास कराना किसानों के हाथ काटने जैसा
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार लगातार गरीब और किसान विरोधी फैसले ले रही है. संख्या बल का इतना गुमान है कि बगैर किसानों, उनके संगठनों और राज्य सरकारों से राय-मशवरा किये ही कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण, ठेका प्रथा और कॉर्पोरेटीकरण करने को आतुर है. उन्होंने कहा कि संसद में एकतरफा 3 कृषि विधेयकों का पास कराना किसानों के हाथ काटने जैसा है.
नेता प्रतिपक्ष ने केंद्र सरकार से किसान विरोधी अध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है. तेजस्वी यादव ने कहा कि किसानों के साथ तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है. किसानों के हाथ की कठपुतली बनाने का काम किया जा रहा है. मौजूदा सरकार देश को सही एजेंडें से भटकाने का काम कर रही है.
इस कृषि बिल से बिचौलियों का पूर्ण राज स्थापित होगा. उन्होंने विधानसभा चुनाव की घोषणा पर कहा कि चुनाव आयोग जो फैसला करे. साथ ही कहा कि चुनाव के लिए महागठबंधन से ज्यादा जनता तैयार है. एनडीए सरकार को जनता सत्ता से बाहर करेगी. किसानों के साथ सरकार को होना चाहिए, लेकिन नहीं है. सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले को लेकर भी तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दीपिका पादुकोण और रिया चक्रवर्ती के पीछे सरकार है.
आज तेजस्वी यादव किसानों के हक के लिए सडक पर ट्रैक्टर चलाकर बिल का विरोध करते नजर आये. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पहले ही किसान बिल को चुनावी मुद्दा बनाने का ठान लिया है. पटना समेत पूरे बिहार में कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस भी विरोध प्रदर्शन कर रही है. जाप के अध्यक्ष और पप्पू यादव ने भी सडकों पर उतरकर केन्द्र सरकार के इस बिल का विरोध किया. किसान बिल को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट दिख रहा है.