सत्तरघाट पुलः नीतीश सरकार की महिमा अपरंपार, ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं, स्थानीय लोगों के खिलाफ मुकदमे
By एस पी सिन्हा | Published: July 17, 2020 07:03 PM2020-07-17T19:03:52+5:302020-07-17T19:03:52+5:30
पुलिस स्थनीय जनप्रतिनिधियों और लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी करने में भी लग गई है. जबकि यह मामला गुणवत्ता में लापरवाही का बनता है. इसके बाद नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस शख्स ने वीडियो बनाकर सरकार को अलर्ट किया था उस ग्रामीण पर ही निर्लज्ज सरकार केस कर रही है.
पटनाः बिहार के गोपालगंज में सत्तरघाट पुल के अप्रोच रोड ध्वस्त होने के बाद भारी फजीहत झेल रही बिहार सरकार ने स्थानीय लोगों पर अपनी खीज निकाली है.
रोड को बनाने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई करने के बजाये सरकार ने स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों पर तीन मुकदमे ठोक दिये हैं. इसके बाद पुलिस स्थनीय जनप्रतिनिधियों और लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी करने में भी लग गई है. जबकि यह मामला गुणवत्ता में लापरवाही का बनता है. इसके बाद नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस शख्स ने वीडियो बनाकर सरकार को अलर्ट किया था उस ग्रामीण पर ही निर्लज्ज सरकार केस कर रही है.
ग्रामीण ने टूटने से 24 घंटे पहले एक वीडियो बनाकर बताया था कि यह कभी भी टूट सकता है. इसको बनाने में गड़बड़ी हुई है. तेजस्वी ने कहा कि ''264 करोड़ की लागत से बने पुल के ढहने से पहले ग्रामीणों ने आगाह किया था, लेकिन भ्रष्टाचारी नीतीश सरकार की कहां आंख खुलने वाली थी? पुल ढहेगा तभी ना भ्रष्टाचार करेंगे? वीडियो देखिए.
अब निर्लज्ज भ्रष्ट सरकार ग्रामीणों पर ही केस दर्ज कर रही है कि वो मीडिया को सच क्यों बता रहे है?'' यहां बता दें कि गोपालगंज में सत्तरघाट पुल का अप्रोच रोड टूटने के मामले में बैकुंठपुर थाने में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. पहले मुकदमे में वार्ड नंबर 31 के पार्षद विजय बहादुर यादव, स्थानीय मुखिया संजय राय समेत दो दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री का पुतला फूंका था
प्राथमिकी दर्ज कराने वाले सरकार के सर्किल अफसर पंकज कुमार ने कहा है कि इन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है. उन पर आरोप है कि लॉकडाउन के बावजूद गुरुवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था और मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री का पुतला फूंका था.
उधर, सत्तरघाट पुल के अप्रोच रोड ध्वस्त होने के मामले में ठेकेदार पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं. लेकिन रोड के ठेकेदार ने स्थानीय लोगों पर अपनी ओर से एक मुकदमा दर्ज कराया है. रोड के ठेकेदार उदय सिंह ने स्थानीय मुखिया संजय राय के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि स्थानीय मुखिया संजय राय ने काम में बाधा पहुंचायी
ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि स्थानीय मुखिया संजय राय ने काम में बाधा पहुंचायी है. इन दो मुकदमों के अलावा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की तरफ से भी अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. निगम की ओर से बैकुंठपुर थाने में दर्ज कराई गई है. दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि कुछ स्थानीय लोग सरकारी काम में बाधा पहुंचा रहे हैं.
लिहाजा पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करे. यहां उल्लेखनीय है कि सत्तरघाट पुल के अप्रोच रोड ध्वस्त होने के बाद इसे बनाने वाले ठेकेदार और सरकारी अधिकारियों पर सवाल उठ रहे थे. लेकिन ठेकेदार और सरकारी अधिकारी दूसरों पर मुकदमा दर्ज करा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि रोड टूटने के मामले में जहां ठेकेदार और कंपनी खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए वहीं, इसके उलट आवाज उठाने वाले लोगों पर मामला दर्ज कराया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि गोपालगंज के बैकुंठपुर में एक महीने नीतीश कुमार के हाथों सत्तरघाट पुल का उद्घाटन हुआ था. लेकिन उद्घाटन के 29वें दिन ही पुल का अप्रोच रोड को ध्वस्त हो गया. पुल के अप्रोच रोड पर गंडक नदी के पानी का थोडा सा दबाव बढ़ा और वह रेत की दीवार की तरह ध्वस्त हो गया. इस पुल के अप्रोच रोड के ढह जाने से छपरा, सीवान के लोगों का पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर से सीधा संपर्क टूट गया है. अब लोगों को 35 से 40 किलोमीटर अधिक चक्कर लगाना पड़ रहा है.