बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 48,001, शव नहीं ले रहे परिवार के लोग, पत्नी और बेटे ने छोड़ा
By एस पी सिन्हा | Published: July 30, 2020 06:27 PM2020-07-30T18:27:30+5:302020-07-30T18:27:30+5:30
दंपति जब कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो उन्हें इलाज के लिए मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. जहां पति की मौत हो गई. जिसके बाद पति के शव को एंबुलेंस से कटिहार भेज दिया गया. जहां अब पत्नी और बेटा शव लेने से इनकार कर दिया.
पटनाः बिहार में कोरोना का कोहराम और बढ़ता ही जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से जारी अपडेट के अनुसार सूबे में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में फिर 2082 नए मरीज मिले हैं.
इसके साथ ही सूबे में कुल मरीजों की संख्या 480001 हो गई है. सिर्फ पटना में ही 410 नए मरीज मिले हैं. वहीं, कोरोना का कहर अब रिश्ते नातों पर भी भारी पड़ने लगा है. जिस रिश्ते के लिए लोग बडे़ से बडे़ अपराध भी कर बैठते है, आज कोरोना ने उन तमाम रिश्तों को पाट दिया है.
हालात ऐसे हो गये हैं कि मौत का कारण जो भी हो, लेकिन अपनों के शव के लिए लोग कुछ भी कर गुजरते हैं. आज कोरोना के कहर ने सात जन्म के रिश्ते को भी झूठ साबित कर दिया है. पत्नी और बेटे उनका शब लेने से इनकार कर दिया.
पत्नी और बेटा शव लेने से इनकार कर दिया
लिहाजा प्रसासन को इस दिशा में पहल करनी पड़ी. कोरोना काल के इस घटना के बारे में बताया गया है कि कटिहार जिले के बारसोई थाना क्षेत्र के रहने वाले दंपति जब कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो उन्हें इलाज के लिए मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. जहां पति की मौत हो गई. जिसके बाद पति के शव को एंबुलेंस से कटिहार भेज दिया गया. जहां अब पत्नी और बेटा शव लेने से इनकार कर दिया.
एम्बुलेंस पर 24 घंटे से अधिक समय से मृतक का शव पड़ा रहा. लेकिन परिजन उसका शव लेने से इनकार कर दिया. जिलाधिकारी जल्द व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आश्वासन देते रहे. इस बीच सूचना मिल रही है कि जब मृतक के परिजन शव लेने से इनकार कर दिया तो उसके बाद प्रसासन द्वारा कोरोना पॉजिटिव मृतक का शव मनिहारी के गंगा तट पर भेजा गया, जहां उसका दाह संस्कार किया गया.
दूसरी तस्वीर यह है कि बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था तो पहले से ही गड़बड़ है
वहीं, दूसरी तस्वीर यह है कि बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था तो पहले से ही गड़बड़ है. कोरोना संकट ने और इसका असली रूप दिखाना शुरू कर दिया है. रोहतास के करगहर पीएचसी के बाहर एक गंभीर रूप से सड़क हादसे में घायल शख्स का ठेले पर ही इलाज शुरू हो गया.
हैरान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि सड़क हादसे में बाइक सवार घायल हो गया. उसको हॉस्पिटल लाने के लिए पहले तो एंबुलेंस नहीं मिला. घायल को किसी तरह से ठेले पर लोग पीएचसी लेकर आए. उसका पैर टूट गया था वह दर्द से तड़प रहा था.
यहां पर हॉस्पिटल में भर्ती करने के बदले ठेले पर ही इलाज कर दिया गया. उसके बाद मरीज को सदर हॉस्पिटल सासाराम रेफर कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद तुरंत प्रभारी डॉ. अनिल कुमार सफाई देने लगे.
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में स्ट्रेचर से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता है. स्टाफ के कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है. मरीज को जल्दी रेफर किया जाना था. इसलिए ठेले पर उसका इलाज कर रेफर कर दिया गया.
इस बीच, पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 17 हजार 794 सैंपलों की जांच हुई. अब तक पांच लाख चार हजार 629 सैंपलों की जांच हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 2328 नये संक्रमितों में सर्वाधिक पटना के 337, जबकि भोजपुर के 161 संक्रमित शामिल हैं.
इसके अलावा नालंदा में 116, रोहतास में 125, सारण में 120, औरंगाबाद में 109, पश्चिम चंपारण में 97, पूर्वी चंपारण में 76, गया में 72, बेगूसराय व पूर्णिया में 70-70, कटिहार में 65, खगडिया व बक्सर में 59-59, भागलपुर में 57, वैशाली में 54, सीवान में 53, समस्तीपुर में 49, अररिया में 48, गोपालगंज में 42, किशनगंज में 40, जहानाबाद में 38, मुंगेर व कैमूर में 37-37, मधुबनी में 33, सहरसा में 32, सुपौल में 30, नवादा व मधेपुरा में 29-29, शेखपुरा में 25, जमुई 24, अरवल में 22, दरभंगा में 21, बांका में 20, शिवहर में 17, सीतामढी में 12 व लखीसराय में नौ नये केस मिले हैं. वहीं, पिछले 24 घंटे में 1284 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हुए. अब तक 30,504 स्वस्थ हो चुके हैं. राज्य में रिकवरी रेट 66.43 फीसदी रहा. अब तक 273 की मौत हो चुकी है. राज्य में अभी 15,141 एक्टिव कोरोना मरीज है.
इसबीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यह आरोप लगाते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार में कोरोना पर बंधन की विफलताओं पर लिखे जा रहे हैं और सरकार कान में तेल डालकर सो रही है.बिहार में कोरोना की स्थिति को लेकर तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश कुमार से अपील की है कि वह घर से बाहर निकलकर राज्य की हालात को देखें.
तेजस्वी ने कहा है कि 135 दिन बाद अब आपको अपने घर से बाहर निकलकर बाढ़ प्रभावित लाखों लोगों, बिलखते बच्चों, बदहाल बुजुर्गों और मरते मवेशियों की सुध लेनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों के लाखों लोग सड़कों और घरों की छतों पर रह रहे हैं. बाढ़ पीड़ित तक राहत और खाद्य सामग्री नहीं पहुंच रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत इसका संज्ञान लेते हुए राहत सामग्री मुहैया कराना चाहिए.