कन्हैया कुमार ने कहा- हमारा देश गोडसे के नहीं, गांधी के रास्ते पर ही आगे बढ़ेगा, पीएम नरेंद्र मोदी पर भी साधा निशाना
By रामदीप मिश्रा | Published: February 19, 2020 07:38 AM2020-02-19T07:38:17+5:302020-02-19T07:38:17+5:30
सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अपनी राज्यव्यापी 'जन गण मन यात्रा' के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक जिला नालंदा में कन्हैया ने कहा था कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा जो जुल्म होते सुनते और देखते रहे, पर खामोश और उदासीन रहे। हमें अपने सामने आने वाली समस्या की गंभीरता का एहसास करना चाहिए।
भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने नरेंद्र मोदी को अपना वोट खुद का जीवन ठीक करने के लिए दिया था या फिर सभी मुसलमानों को ठीक करने के लिए दिया था। विकास की चर्चा करने के लिए आप लोग तैयार नहीं हैं। उन्होंने ये बाते 'जन-गण-मन यात्रा' के दौरान मंगलवार को वैशाली जिले में की।
कन्हैया कुमार ने ट्वीट करते हुए कहा, 'जन-गण-मन यात्रा का काफिला कल लखीसराय जिले में सभा करने के बाद आज (मंगलवार) बीसवें दिन वैशाली जिला पहुंचा। लोगों का प्यार और समर्थन देखकर ये भरोसा और मजबूत हुआ है कि हमारा देश गोडसे के नहीं, गांधी के रास्ते पर ही आगे बढ़ेगा।'
जन-गण-मन यात्रा का क़ाफ़िला कल लखीसराय जिले मे सभा करने के बाद आज बीसवें दिन वैशाली ज़िला पंहुचा। लोगों का प्यार और समर्थन देखकर ये भरोसा और मज़बूत हुआ है कि हमारा देश गोडसे के नही, गांधी के रास्ते पर ही आगे बढ़ेगा। pic.twitter.com/ENnwcIrxat
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 18, 2020
इससे पहले रविवार को कन्हैया कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि केंद्र में वर्तमान में सत्तासीन लोग देश की आजादी से पहले के अंग्रेजों के साथ 'चाय पे चर्चा' किया करते थे और अब वे अपने विभाजनकारी रणनीति के तहत सांप्रदायिकता को हवा देने में व्यस्त हैं।
सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अपनी राज्यव्यापी 'जन गण मन यात्रा' के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक जिला नालंदा में कन्हैया ने कहा था कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा जो जुल्म होते सुनते और देखते रहे, पर खामोश और उदासीन रहे। हमें अपने सामने आने वाली समस्या की गंभीरता का एहसास करना चाहिए। पूरे राष्ट्र को हिंदू बनाम मुस्लिम बहस में धकेला जा रहा है और यह ब्रिटिश राज को बहुत पसंद था जब वे सत्ता में थे।
कन्हैया ने दावा किया था कि 1947 में हमने जो आजादी हासिल किया था और आजादी के तीन साल बाद लागू हुआ संविधान दोनों आज दांव पर हैं। नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र और आरएसएस पर अंग्रेजी सत्ता के साथ निकटता का आरोप लगाते हुए कन्हैया ने कहा था कि याद रखें कि जो केंद्र में सत्ता में हैं, उनकी विशेषता अंग्रेजों से मेल खाती है और जब देश के बाकी लोग स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने में व्यस्त थे तो वे अंग्रेजों के साथ चाय पे चर्चा किया करते थे।
कन्हैया की यह जन गण मन यात्रा 27 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में एक रैली के साथ समाप्त होगा।