Bihar No Bag Day: स्कूली बच्चों को बैग में सिर्फ लंच बॉक्स लेकर आने की अनुमति, विद्यालयों में ‘नो बैग डे’, जानिए क्या होता है
By एस पी सिन्हा | Published: September 19, 2022 07:26 PM2022-09-19T19:26:19+5:302022-09-19T22:05:07+5:30
Bihar No Bag Day: बिहार सरकार छात्रों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए स्कूलों में ‘नो-बैग डे’ नियम और सप्ताह में कम से कम एक बार अनिवार्य खेल का ‘पीरियड’ शुरू करने की तैयारी में है।
पटनाः बिहार के सरकारी और निजी स्कूलों में सप्ताह में एक दिन ’नो बैग डे’ घोषित किया जाएगा। इसके लिए बिहार सरकार का खेल और शिक्षा विभाग मिलकर कार्ययोजना तैयार कर रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्कूली बच्चों के बैग के भार में कमी आ सकती है और एक दिन उन्हें बिना बैग सिर्फ लंच बॉक्स लेकर स्कूल जाने अनुमति होगी।
इस संबंध मेंराज्य के कला, संस्कृति और युवा मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि उनकी सरकार की योजना है कि सप्ताह में कम से कम एक दिन खेल का पीरियड शुरू हो और इसके लिए उनका विभाग एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव के तैयार होने पर शिक्षा विभाग के मंत्री से मैं खुद मिलूंगा और फिर इस लागू कराने के लेकर सरकार आगे बढे़गी।
सप्ताह में एक दिन खेल को समर्पित किया जाएगा और इस दिन ’नो बैग डे’ घोषित किया जाएगा। सप्ताह में एक दिन खेल गतिविधि होने से हमलोग शुरुआती स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान करउसे आगे बढाने के लिए सुविधा मुहैया कराएंगे। वहीं ’नो बैग डे” प्रस्ताव पर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बिहार में ही बच्चों को खेल-खेल में पढाने की नीति को लागू की जा रही है।
इस नीति के तहत सप्ताह में एक दिन ’नो स्कूल बैग डे’ घोषित करने को लेकर काम चल रहा है। शिक्षा विभाग और कला संस्कृति एवं खेल विभाग मिलकर इसल योजना को कार्यरूप देने में लगा है। इस आशय की अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। साप्ताहिक 'नो-बैग डे' में कार्य आधारित व्यावहारिक कक्षाएं होंगी।
इस दिन छात्र केवल लंच बॉक्स लेकर ही स्कूलों में आएंगे। उन्हें किताबें ले जाने की जरूरत नहीं होगी। वो दिन व्यावहारिक और अनुभवात्मक चीजों को सीखने के लिए समर्पित होगा।' इस तरह की नीति का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करना है, जो उनके सीखने पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘स्कूल प्राधिकारियों को ऐसी गतिविधियों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए। यह कदम निश्चित रूप से छात्रों में सकारात्मक बदलाव लाएगा, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में भी सुधार होगा। क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हमारे छात्रों के प्रभावशाली प्रदर्शन से उत्साहित होकर, हम विद्यालयों में अनिवार्य खेल पीरियड शुरू करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और इसे सरकारी और निजी दोनों विद्यालयों में लागू किया जाएगा। राज्य के कला, संस्कृति और युवा मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने सप्ताह में कम से कम एक बार खेल का पीरियड शुरू करने पर कहा, ‘‘हमारा विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मैं राज्य के शिक्षा मंत्री से मिलूंगा और उन्हें विस्तृत प्रस्ताव सौंपूंगा।’’
उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि राज्य के खिलाड़ियों ने हाल ही में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर स्कूलों में खेल का ‘पीरियड’ शुरू किया जाता है, तो हम बहुत शुरुआती स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान कर पाएंगे। सरकार तदनुसार उन्हें राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए तैयार करेगी।’’