बिहार: बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर नीतीश कुमार ने 20 दिनों के अंदर की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार
By एस पी सिन्हा | Published: June 25, 2019 07:59 PM2019-06-25T19:59:47+5:302019-06-25T19:59:47+5:30
पटना में संवाद कक्ष में हुई इस मीटिंग में मुख्य सचिव और डीजीपी के अलावा पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे. आला अधिकारियों के साथ इस मीटिंग में उन्होंने सख्त लहजे में निर्देश दिया कि हर हाल में कानून का पालन किया जाए और अपराध पर कंट्रोल के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएं.
बिहार में बिगड़ती जा रही कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बीस दिनों के भीतर दूसरी बार समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त कीजिए. मुख्यमंत्री ने बढ़ते अपराध की घटनाओं पर नाराजगी जताई और कहा कि हर हाल में अपराध पर काबू पाना होगा. गश्त और स्पीडी ट्रायल पर ध्यान देना होगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कई अहम दिशा निर्देश दिए.
पटना में संवाद कक्ष में हुई इस मीटिंग में मुख्य सचिव और डीजीपी के अलावा पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे. आला अधिकारियों के साथ इस मीटिंग में उन्होंने सख्त लहजे में निर्देश दिया कि हर हाल में कानून का पालन किया जाए और अपराध पर कंट्रोल के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर एसपी और डीएसपी अपने थानाध्यक्षों पर नकेल नहीं कस सकते हैं तो वैसे एसपी और डीएसपी को साइड लाइन कर दिया जाए. उन्होंने अपराध रोकने में नाकाम और माफियाओं से साठगांठ रखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई करने को लेकर डीजीपी को निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर थाने में स्टेशन डायरी को दुरुस्त किया जाए. नीतीश कुमार ने निर्देश दिए कि अपराध नियंत्रण के लिए गश्ती वाहन में जीपीएस लगाए जाएं और गश्त की संख्या भी बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि भूमि विवाद को कड़ाई से पालन किया जाए स्पेशल ब्रांच को मजबूत किया जाए. मुख्यमंत्री ने डीजीपी को निर्देश दिया कि हर थाने में लैंड लाइन फोन होना चाहिए. इससे साथ ही हर थाने में महिला पुलिस के लिए शौचालय जैसी चीजों की व्यवस्था हर हाल में पूरी की जाए.
यहां बता दें कि बीते 7 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इसमें गृह सचिव आमिर सबहानी और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के अतिरिक्त राज्य स्तर के कई आला अधिकारी भी मौजूद रहे थे. लगभग तीन घंटे तक चली इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने इससे जुड़े कई आदेश दिए थे. उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश ने आदेश दिया था कि राज्य के सभी आईजी और डीआईजी अब महीने में 10 दिन फील्ड में रहा करेंगे. अनुमंडलों में जाकर खुद जांच करेंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि जांच में जो भी पुलिस पदाधिकारी गलत पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
इस बैठक में मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना को सबसे सेंसिटिव जिला बताया गया था, जहां अपराध की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं. इसके तहत बैठक के अगले दिन यानी 8 जून से राजधानी पटना के 9 अनुमंडलों में डीजी की टीम को इंस्पेक्शन करने के आदेश दिए गए थे. उस बैठक के बाद गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशों के अनुसार अब डीआईजी हफ्ते में 3 दिन, एसपी हफ्ते में 4 दिन, डीएसपी हफ्ते में 5 दिन गश्ती का अवलोकन करेंगे. क्षेत्रों में पुलिस टीम की गश्त (पेट्रोलिंग) बढ़ाई जाएगी और पुलिस कप्तान खुद इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. लेकिन इस बीस दिन में उसका परिणाम कुछ भी सामने नही आया.
यहां बता दें कि प्रदेश में हाल ही हुई हत्याओं और कैश लूट की कई बड़ी वारदातों ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बीते एक हफ्ते में राज्य भर में 80 से अधिक हत्याएं और लूट की बड़ी वारदातें हो चुकी हैं.