बिहार में नाइट कर्फ्यू को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल, विपक्ष ने कहा- आंख में धूल झोंकना, संजय जायसवाल बोले-कैसे रुकेगा संक्रमण?
By एस पी सिन्हा | Published: April 19, 2021 04:21 PM2021-04-19T16:21:56+5:302021-04-19T16:23:04+5:30
बिहार में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ़्यू लगाने, स्कूल और कॉलेज 15 मई तक बंद रखे जाने के साथ-साथ आवश्यकता अनुसार धारा 144 लागू करने का अधिकार जिला प्रशासन को दिए जाने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.
पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर के चलते मरीजों की संख्या और इससे हो रही मौत को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संकट से निपटने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है. जिसके तहत रात्रि 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बिहार के सभी जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है.
भाजपा खुलकर विरोध कर रही है
राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले को लेकर न सिर्फ विपक्ष बल्कि उनकी सरकार में शामिल पार्टियों में भी मतभेद है. वही सरकार के इस फैसले को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा और जदयू में भी ठन गई है. सरकार के इस फैसले का जहां भाजपा खुलकर विरोध कर रही है, वही अब विपक्ष भी इसे लेकर हमलावार है.
सरकार के इस फैसले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सवाल खडे़ कर दिए हैं. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा देने से संक्रमण कैसे थम जाएगा? संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट लिखकर सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
कर्फ्यू लगाने से करोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा?
उन्होंने कहा है कि आज बिहार सरकार ने बहुत सारे फैसले लिए हैं जो आज की परिस्थिति में बहुत अनिवार्य हैं. मैं कोई विशेषज्ञ तो नहीं हूं फिर भी सभी अच्छे निर्णयों में इस एक निर्णय को समझने में असमर्थ हूं कि रात का कर्फ्यू लगाने से करोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा? अगर कोरोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी.
घरों में बंद इन 62 घंटों में लोगों को अपनी बीमारी का पता चल सकेगा और उनके बाहर नहीं निकलने के कारण बीमारी के प्रसार को रोकने में कुछ मदद अवश्य मिलेगी. इससे उन्हें अलग करना और कोरोना की चेन तोड़ना संभव हो सकेगा. संजय जायसवाल ने कहा कि सबसे बेहतर तो यह रहता कि चार दिन रोजगार और तीन दिन बंदी के फैसले पर अमल किया जाता.
संजय जायसवाल भी सरकार पर सवाल खडे़ कर रहे
हालांकि बिहार में अभी इसकी जरूरत नहीं है, लेकिन अगर हम दो दिन भी कडाई से कर्फ्यू नहीं लगा पाए तो बिहार की हालत भी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसी हो सकती है. वहीं, नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के सरकार के फैसले को राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने अजीबोगरीब फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर अब तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी सरकार पर सवाल खडे़ कर रहे हैं.
ऐसे में नाइट कर्फ्यू लगाना समझ से परे है. मृत्युंजय तिवारी ने यह भी कहा कि कोरोना की अनियंत्रित स्थिति को देखते हुए खुद नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को वीकेंड लॉकडाउन लगाने की सलाह दी थी. लेकिन उनकी सलाह को नजर अंदाज कर दिया गया. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और चेन को तोड़ने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाना कही से भी उचित नहीं है.
बिहार में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला कही से भी उचित नहीं
सरकार के इस फैसले को लेकर अब तो उनकी सहयोगी पार्टी भाजपा भी सवाल खडे़ कर रही है. उधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने भी सरकार के इस फैसले को हास्यास्पद बताया. इनकी माने तो बिहार में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला कही से भी उचित नहीं है. नाइट कर्फ्यू मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों में लगाई जाती है जहां लोग रात में घर से बाहर निकलते हैं.
लेकिन बिहार में नाइट कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं है. बिहार में तो लोग रात में घर से बाहर निकलते ही नहीं हैं. ऐसे में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने का फैसला बिलकुल गलत है. अजित शर्मा ने सरकार के इस फैसले को आंख में धूल झोकने के समान बताया. उन्होंने यह भी कहा कि यदि इसकी जगह हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन, एम्बुंलेस, सप्ताह में दो दिन कर्फ्यू लगाकर पूरे शहर को सेनेटाइज किया जाता तो वह सही होता.