गरीब पिता पर टूटा दुखों का पहाड़: बेटे के बाद जवान बेटी की भी हुई कोरोना से मौत, अंतिम संस्कार के लिए मांगता रहा मदद लेकिन..
By अमित कुमार | Published: June 14, 2021 09:42 AM2021-06-14T09:42:58+5:302021-06-14T09:50:55+5:30
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने गांवों को सबसे अधिक प्रभावित किया है। शहरों के मुकाबले गांव में कोरोना की स्थिति काफी भयावह रही।
कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों से कई परिवार बिखर गए। अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी के कारण भारत में अधिकतर लोगों की जान गई। भारत के ग्रामीण इलाकों में हालात तो और बद से बदतर है। ग्रामीण इलाकों में मृतकों का सही रिकॉर्ड या डाटा सरकार के पास भी नहीं है। विपक्ष लगातार सरकार पर आकड़ों से हेर-फेर का आरोप लगा रही है।
कोरोना के कारण कई परिवार आर्थिक तौर पर बर्बाद हो गए। वहीं कुछ परिवार ऐसे भी रहे जिन्होंने कुछ ही दिनों में कई अपनों को कोरोना के कारण खो दिया। बिहार के गोपालगंज के बरौली प्रखंड से एक पिता की दुखभरी कहानी सामने आई है। सिवान जिले के जिरादेई के रहने वाले परसुराम प्रसाद बरौली पर पिछले कुछ दिनों में दुखों का ऐसा पहाड़ टूटा कि वह सदमे में हैं।
दरअसल, पकौड़ी बेचकर अपने परिवार का पेट पालने वाले परसुराम प्रसाद ने अपने जवान बेटे और बेटी को कोरोना के कारण खो दिया। गरीबी की मार ऐसी कि उनके पास अंतिम संस्कार कराने के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे समय में उनकी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया। बताया जाता है कि खांसी और बुखार के कारण उनकी बेटी की मौत हो गई। इससे पहले उनके बेटे की मौत भी ऐसे ही हुई थी।