बिहार: एक गांव में 17 लोगों की कोरोना से मौत, गांव वालों का दावा- तेजस्वी यादव ने भी नहीं बढ़ाया मदद का हाथ
By एस पी सिन्हा | Published: May 28, 2021 05:08 PM2021-05-28T17:08:43+5:302021-05-28T17:09:51+5:30
बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में पिछले एक महीने में कोरोना से 17 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने इस दौरान गांव को देखना अथवा हाल जानना भी नही समझा मुनासिब...
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के मंसूरचक गांव में कोरोना ने कहर बरपा रखा है। इस गांव में पिछले एक महीने में 17 लोगों की मौत होने के बाद त्राहिमाम की स्थिति है। लगातार हो रही मौतों के बाद से गांव में पलायन शुरू हो गया है। इस गांव की मुखिया जूही परवीन के पति मुजाहिद अनवर ने वीडियो जरी कर कहा है कि उनके इलाके में हर रोज कोरोना से मर रहे हैं।
लेकिन क्षेत्र का विधायक होने के बावजूद तेजस्वी यहां देखने के लिए आना तो दूर एक फोन कॉल तक नहीं किया। मुखिया पति का कहना है कि उन्होंने फोन कर इसकी जानकारी कई नेताओं को दी और गांव में सैनिटाइजेशन के लिए आग्रह किया। लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने उनकी गुहार पर कोई रिस्पांस तक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उन लोगों का न तो सरकार और ना ही स्थानीय विधायक ने सहयोग किया।
बाहरी लोगों ने गांव में आना जाना छोड़ दिया है। गांव के लोग खुद ही भाग रहे हैं, ताकि जान बच जाए। गांव में मरने वाले ज्यादातर जवान लोग हैं। पूरा गांव दहशत के साये में जी रहा है। गांव के लोग अपने विधायक तेजस्वी यादव से काफी खफा दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में 17 लोग एक महीने के अंदर कोरोना से मर चुके हैं। जिस तरह मक्के की फसल को पीटा जाता है, उस तरह लोग मर रहे हैं। लेकिन तेजस्वी अपने क्षेत्र में झांकने भी नहीं आए। मुखिया कह रहे हैं कि अगर तेजस्वी यादव चाहते तो उनका गांव कब्रिस्तान में तब्दील होने से बच जाता।
मुजाहिद अनवर ने बताया कि जब लोगों की मौत हो रही थी तो उन्होंने जिले के सभी अधिकारियों को फोन कर मदद की गुहार लगाई। अधिकारियों ने जब उनकी गुहार पर कोई ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने स्थानीय विधायक औऱ बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को फोन कर मदद मांगी। अनवर कहते हैं कि उन्हें अफसोस है कि तेजस्वी यादव ने भी कोई मदद नही की। तेजस्वी अगर चाहते तो गांव के लोगों की जांच हो जाती।
गांव में सेनेटाइजेशन हो जाता। इससे कई लोगों की जान बच सकती थी। मौतों के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के रफाकत हुसैन के भाई की मौत कोरोना से हो गई। रफाकत बताते हैं कि उन लोगों को इलाके में अछूत बना दिया गया है। कोरोना से हुई मौत की वजह से उनके गांव में बाहरी कोई आदमी नहीं आता। मंसुरचक के किसी आदमी को दूसरे गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। कोई उनसे बात करने को तैयार नहीं है। बाजार में जाने पर दुकानदार सामान देना तो दूर शक्ल देखने से भी परहेज करते हैं। हालांकि, लोगों ने अब वैक्सीन लेने की कोशिशें शुरू की है। गांव के कुछ ही लोगों ने वैक्सीन ले लिया है।
इसबीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि आपदा की घडी में भी कुछ लोग राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें नीतीश सरकार के दौरान बिहार में हुआ विकास नहीं दिखता और अनाप-शनाप बयानबाजी कर चर्चा में बने रहना चाहते हैं। मुश्किल वक्त में बिहार छोड़कर भाग जाने वाले हिसाब मांग रहे हैं। वहीं, जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी को ट्विटर बॉय कहकर तंज कसा है।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सुबह से लेकर शाम तक केवल नीतीश सरकार की कमियां गिनाने में ही व्यस्त रहते हैं। जबकि उनका खुद का हाल है कि बिहार से हर आपदा के वक्त गायब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस राघोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन पर विश्वास कर उन्हें विधानसभा में भेजा, उसे भी भूल गए। निखिल ने कहा कि तेजस्वी दिल्ली में बैठकर मजे उडाएं। बिहार की सरकार राघोपुर की जनता की भी चिंता कर रही है।
उधर, जाप प्रमुख व पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ट्वीट कर कहा कि चकसिकंदर कल्याणपुर पंचायत की मुखिया जूही परवीन जी के पति मुजाहिद अनवर से सुनिए कि वैशाली जिला के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में 17 लोग कोरोना से कैसे मरे? उनका नाम सरकार की सूची में दर्ज नहीं है। गुहार लगाते रहे, कोई देखने नहीं आया। स्वास्थ्य विभाग मौत का तांडव होने दिया।