बिहारः जदयू और बीजेपी में तकरार तेज!, ललन सिंह ने कहा-सीएम नीतीश का कद छोटा करने की साजिश रची, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा
By एस पी सिन्हा | Published: August 7, 2022 06:27 PM2022-08-07T18:27:10+5:302022-08-07T18:28:37+5:30
जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने पटना में कहा कि आरसीपी सिंह कहते हैं कि JDU डूबता हुआ जहाज है, लेकिन हम उनको बता देना चाहते हैं कि दौड़ता हुआ जहाज है। लेकिन ये बात है कि कुछ लोग उस जहाज में छेद करना चाहते हैं.
पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू में अब ’वार’ और ’पलटवार’ का दौर तेज होता जा रहा है. आरसीपी सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चलाये गये ’तीर’ पर पलटवार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज कहा कि जदयू डूबता नहीं, बल्कि दौड़ता हुआ जहाज है.
उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए हुए कहा कि नीतीश कुमार का कद छोटा करने की साजिश रची गई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग मॉडल बनाकर नीतीश कुमार के खिलाफ षड्यंत्र हुआ और अब आरसीपी को मॉडल बनाया जा रहा था. उसका भी खुलासा करेंगे. ललन सिंह के इस बयान को परोक्ष रूप से भाजपा के खिलाफ माना जा रहा है.
ललन सिंह ने पटना स्थित पार्टी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. जल्द खुलासा किया जाएगा, अभी ट्रेलर देखिए, फिल्म बाद में देखिएगा. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के रूप में दूसरा चिराग मॉडल तैयार किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह बगैर नीतीश कुमार की सहमति के केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हो गए थे.
नीतीश कुमार इस बात का खंडन करते तो अच्छा नहीं लगता. लिहाजा वह चुप रह गए. लेकिन अब पार्टी ने तय किया है कि साल 2019 के स्टैंड पर कायम रहते हुए केंद्रीय कैबिनेट में शामिल ना हुआ जाए. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथी नहीं रहे, वे सिर्फ सत्ता के साथी रहे हैं. ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह पार्टी के बारे में कुछ नहीं जाते हैं. कोई ज्ञान नहीं उनके पास है.
उन्होंने आरसीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केयरटेकर को पार्टी का सर्वेसर्वा नहीं समझना चाहिए. आरसीपी सिंह पर जदयू में रहते हुए पार्टी के खिलाफ साजिश रचने वाला बताते हुए ललन सिंह ने कहा कि उनका मन यहां तो तन कहीं और था. लेकिन सत्ता जाने से आरसीपी बौखलाए हुए हैं. पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता आज मुख्यधारा में हैं, लेकिन जो साजिश रच रहे थे, वे आज पार्टी से अलग हो गए हैं.
ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है, उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है. आरसीपी सिंह को आडे हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जिसकी पहचान बनाई, वह नीतीश कुमार के बारे में इस तरह के बात कह रहा है.
नीतीश कुमार ने हमें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. हम पार्टी के केयरटेकर हैं. अगर कोई केयर टेकर अपने आपके मालिक समझता है तो यह उसकी भूल है, पार्टी के मालिक सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं. आरसीपी सिंह के जदयू से इस्तीफे पर ललन सिंह ने कहा कि अब वह जहां जाएं उनकी मर्जी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने समय रहते षड्यंत्रकारी को पहचान लिया है.
आरसीपी को क्या पता कि समता पार्टी और जदयू का गठन कैसे हुआ? उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार अपने केयर टेकर को पूर्ण अधिकार देते हैं. इसी तरह जब आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था तब उन्होंने किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया. पूरा अधिकार दिया. लेकिन राज्यसभा का टिकट नहीं मिला तब से परेशान चल रहे थे. उनको थोड़ा इंतजार करना चाहिए था. दूसरे को भी मौका दिया.
नीतीश कुमार कोई काम नही करते हैं, तीन घंटा भूंजा पार्टी करते हैं-आरसीपी सिंह
जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर बने हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही उन्होंने जदयू के दो वरिष्ठ नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे बच्चों को राजनीतिक तौर पर घसीटा गया, यह बेहद पीड़ादायक है.
साथ ही अपने ऊपर लगे आरोप पर उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं, वो आरोप को सिद्ध करें. आरसीपी ने कहा कि जदयू में जीरो टॉलरेंस की बात सिर्फ बयानों में है. उन्होंने जदयू को डूबता हुआ जहाज बताते हुए कहा कि कौन कहता है कि नीतीश कुमार 18 घंटे तक काम करते हैं?
आरसीपी ने बताया कि वे सुबह 11 बजे दफ्तर आते थे और एक बजे खाना खाने के लिए चले जाते थे. शाम 6 बजे से भूंजा पार्टी करते थे जो तीन घंटे तक चलती थी. वे सिर्फ दिखावा करते हैं. बिहार की जनता के लिए कुछ भी काम नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ लोगों से घिर गए हैं. नीतीश कुमार का काम सिर्फ भूंजा खाना है.
2010 तक ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का विकास किया. 2010 के बाद फालतू की बातों में नीतीश कुमार उलझ गए हैं. वहीं आरसीपी सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की हैसियत नहीं कि वह मेरे सामने बोलें. मेरा व्यक्तित्व ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा जैसा नहीं है. साथ ही आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे साथ जो कुछ भी हुआ उससे ज्यादा दुख नहीं हुआ.
लेकिन अब मेरे बच्चों को राजनीतिक तौर पर घसीटा गया यह बेहद पीड़ादायक है. वहीं खुद पर लगे आरोपों को लेकर आरसीपी ने कहा कि जिन जमीनों की चर्चा हो रही है, वो 900-1000 रुपये कट्ठा की जमीन है. उन्होंने कहा कि इनमें भी मेरे नाम कुछ भी नहीं है. मेरे नाम ना पटना में ना दिल्ली में, कहीं कुछ नहीं है. जिस जमीन पर आरोप लगाया जा रहा है, उस जमीन को मेरी बेटियों ने खरीदा है.
जदयू के पूर्व प्रवक्ता डा. अजय आलोक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताया "नाश कुमार", कहा-12 साल में बिहार का सत्यानाश कर दिया
पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के द्वारा जदयू को बाय-बाय कहे जाने के बाद जदयू के पूर्व प्रवक्ता और पार्टी से निष्कासित किए गए डा. अजय आलोक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को "नाश कुमार" बताते हुए कहा है कि नीतीश ने 12 साल से प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हुए बिहार का सत्यानाश कर दिया.
अजय आलोक ने ट्वीट किया है कि. क्या संयोग हैं और अजब प्रयोग हैं - पेट भर के गालियां दे के और पेट में कितने दांत हैं, ये बता के राष्ट्रीय अध्यक्ष, दो दो बार धोखा दे के खुद को मुख्यमंत्री बना के चुनाव लड़ने वाले अध्यक्ष संसदीय बोर्ड - ये काम सिर्फ एक ही विरला पार्टी कर सकती है, जिसके नायाब नेता को सब भूलने की आदत है.
पिछले 12 साल से प्रधानमंत्री बनने की आशा में बिहार का सत्यानाश करने वाले ये महान व्यक्ति नीतीश कुमार नहीं बल्कि “ नाश कुमार “ हैं. कबीरदास ने तो अपनी डाल काटी थी ये आदमी अपनी छाया को काटने चला हैं. सोचिए आप लोग ?? आपका क्या होगा ??
इतना ही नहीं अजय आलोक ने नीति आयोग की बैठक से नीतीश कुमार की दूरी को लेकर भी तंज कसा है. उन्होंने आगे लिखा है..प्रधानमंत्री की नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे, क्योंकि कोरोना से निकले हैं “नाश कुमार “ लेकिन समारोह में जाएंगे, सांसदो की बैठक करेंगे -अरे खुल के गाइए लालू जी के शब्दों में - पलटने का मौसम आ गया - बिहार की सत्ता में बने रहना इनका 1-1 दिन बिहार को 1-1 साल पीछे ले जा रहा हैं.