हिम्मत है तो एनडीए सरकार से समर्थन वापस लें जीतन राम मांझी, मंत्री नीरज कुमार सिंह बब्लू ने एकबार फिर से ललकारा
By एस पी सिन्हा | Published: December 29, 2021 06:38 PM2021-12-29T18:38:08+5:302021-12-29T18:38:58+5:30
सुशील मोदी की चेतावनी के बाद भी भाजपा कोटे से बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बब्लू ने एकबार फिर से हम पार्टी को ललकारते हुए कहा है कि यदि हिम्मत है तो अपने चार विधायकों का समर्थन वापस ले लें.
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों पर दिए गए विवादित बयान के बाद जारी सियासी गर्मा-गर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने अपए स्तर से डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया है, बावजूद इसके तनातनी बढ़ती ही जा रही है.
भाजपा कोटे से मंत्री नीरज कुमार सिंह बब्लू ने मांझी की पार्टी को नसीहत देते हुए समर्थन वापस लेने की चुनौती दे दी है. मांझी की पार्टी हम के द्वारा समर्थन वापसी और सरकार गिराने की धमकी दिये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सुशील मोदी की चेतावनी के बाद भी भाजपा कोटे से बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बब्लू ने एकबार फिर से हम पार्टी को ललकारते हुए कहा है कि यदि हिम्मत है तो अपने चार विधायकों का समर्थन वापस ले लें. मांझी की पार्टी के चार विधायकों की बदौलत सरकार नहीं चल रही है.
मंत्री बब्लू के द्वारा ललकारे जाने के बाद हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि फिर साथ क्यों रखे हुए हैं? हटवा दें. वे मंत्री हैं, केंद्र में उनकी सरकार है, आकर कह दें कि मांझी जी आप समर्थन वापस ले लीजिए. उन्होंने कहा कि मंत्री जी को गणित का ज्ञान होना चाहिए. जब दो विधायकों का निधन हो गया था तब पूरी सरकार हिली हुई थी. अब ये चार विधायकों को लेकर ऐसा बयान दे रहे हैं.
दानिश ने कहा कि मीडिया में बने रहने के लिए मंत्री अनर्गल बयानबाजी करते हैं. एनडीए के वे तमाम नेता जो इस तरह की बयानबाजी करते हैं, आरोप-प्रत्यारोप लगाना बंद कर दें. अभी सरकार के पास वैसे भी विधायकों की तादाद कम है. दो विधायकों का देहांत हो गया था, तब चुनाव प्रचार के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ी थी.
अगर हमारे विधायक हट जाएं तो फिर इनके विधायक कम हो जाएंगे तो फिर कहां के रहेंगे ये लोग? हम प्रवक्ता ने कहा कि नीरज सिंह बबलू का बयान देखा कि संतोष मांझी भी रोड पर आ जाएंगे, तो उन्हें पता होना चाहिए कि मांझी समाज रोड किनारे रहने वाले लोग हैं. सड़क पर आ जाएंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. फर्क उन्हें पड़ेगा जो आलिशान कोठियों में रहनेवाले हैं. उन्हें जब निकलना पड़ेगा तब पता चलेगा.