मुंगेर गोलीकांडः आइएएस रचना पाटिल और तेज तर्रार आईपीएस मानवजीत सिंह ढिल्लो को कमान, एक्शन में निर्वाचन आयोग
By एस पी सिन्हा | Published: October 29, 2020 06:39 PM2020-10-29T18:39:08+5:302020-10-29T18:39:08+5:30
अपर मुख्य निवार्चन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि आयोग ने मुंगेर के हालात को ध्यान में रखते हुए डीएम और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है.
पटनाः बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर हुए बवाल के बाद सुलगते शहर की स्थिति को संभालने की जिम्मेवारी अब निर्वाचन आयोग के निर्देश पर तेज तर्रार अधिकारी रचना पाटिल को डीएम के तौर पर और मानवजीत सिंह ढिल्लो को एसपी के तौर पर तैनात किया गया है.
दोनों अधिकारियों ने आज ही पटना एयरपोर्ट से मुंगेर के लिए उड़ान भरी और उन्होंने तत्काल प्रभाव से पदभार ग्रहण किया और वे लोग स्थिति को नियंत्रित करने के काम में जुट गये. आज हुए उग्र प्रदर्शन के बाद चुनाव आयोग ने जिले के दो बडे़ अधिकारियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया था.
बता दें कि पिछले सोमवार को दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज और फायरिंग में एक युवक की मौत के बाद शहर की लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग ने मुंगेर के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.
मुंगेर के हालात को ध्यान में रखते हुए डीएम और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया
अपर मुख्य निवार्चन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि आयोग ने मुंगेर के हालात को ध्यान में रखते हुए डीएम और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि आयोग ने मगध के प्रमंडलीय आयुक्त असंगा चुबा आओ को पूरे प्रकरण की जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. आईपीएस अफसर मानवजीत सिंह ढिल्लो को मुंगेर का नया एसपी बनाया गया है. वहीं आईएएस रचना पाटिल को मुंगेर जिले का नया जिलाधिकारी बनाया गया है.
उधर, मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज ने कमान संभाल लिया है. भारी संख्या में पुलिसबल के साथ मनु महाराज इलाके में कैंप कर रहे हैं. डीआईजी मनु महाराज ने कहा कि हम पहले भी अपील कर चुके हैं कि लोग शांति से रहें. जो भी स्थिति है, उसको नियंत्रण में किया जा रहा है. उपद्रवी तत्व बीच में नहीं आएं और क्षति न पहुंचाएं. जांच के बाद जो भी कार्रवाई होनी चाहिए, पुलिस कार्रवाई करेगी.
कोई भी उपद्रवी तत्व न आएं और लोग भी भीड़ का हिस्सा नहीं बनें. तीन-चार थानों के क्षतिग्रत होने की सूचना है. उसका आकलन अभी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मीडिया फुटेज सामने आये हैं.
इस तरह की घटनाएं बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
इस तरह की घटनाएं बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीआईजी ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी. गोली कांड मामले की जांच भागलपुर और गया के उच्च स्तरीय अधिकारी करेंगे. इसबीच यह कहा जा रहा है कि मुंगेर पुलिस बिगडे़ हालात पर काबू पाने में अब तक असफल रही है.
इस कारण पास के दूसरे जिलों की पुलिस फोर्स को अलर्ट किया गया है. लखीसराय, जमुई और शेखपुरा से पुलिस फोर्स को जल्द ही मुंगेर बुलाया जा रहा है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस का सख्त पहरा लगाए जाने की तैयार चल रही है. यहां बता दें कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवकों पर लाठीचार्ज और गोली कांड में युवक की मौत के विरोध में आज शहर भर के बाजार बंद रहे. इस दौरान हुए उग्र प्रदर्शन में कई सरकारी गाडियों को आग के हवाले कर दिया गया था. चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य सुबह से ही बाजार में दुकानों को बंद रखने की अपील की थी.
दौरान घटना के विरोध में शहर में प्रदर्शन किया गया
इस दौरान घटना के विरोध में शहर में प्रदर्शन किया गया, जिसमें थानों में आगजनी की गई. पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. गुस्साई भीड ने बासुदेवपुर पुलिस चौकी में आग लगा दी. एसपी ऑफिस पर भी हमला किया गया. मुफस्सिल थाने में 6 गाड़ियां फूंकी गई. दरअसल, मुंगेर में सोमवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी. बुधवार को इसका एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें पुलिस लोगों को बेरहमी से पीटती नजर आ रही थी. इस घटना को लेकर लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है.
इस घटना के बाद लोगों के निशाने पर एसपी लिपी सिंह आ गई थीं. सभी लोग इस घटना के लिए लिपी सिंह को ही दोषी मान रहे हैं. इसके बाद लिपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई है. हालांकि ऐसा नहीं है कि लिपि सिंह पर पहली बार कार्रवाई हुई है. इससे पहले चुनाव आयोग ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान लिपि सिंह पर कार्रवाई की थी और बाढ एसडीपीओ के पद से हटा दिया था. लोकसभा का चुनाव लड रही मोकामा विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने लिपि सिंह पर जदयू प्रत्याशी के लिए काम करने और पक्षपात का आरोप लगाया था.
जिसके बाद लिपि सिंह को हटा दिया गया था. मोकामा विधायक अनंत सिंह भी अपने घर से बरामद एके- 47 को लेकर लिपि सिंह पर दवाब में आकर काम करने का आरोप लगाया था. अनंत सिंह ने कहा था कि लिपि सिंह जान बूझकर उनको फंसा रही हैं. अनंत सिंह के दिल्ली में आत्मसमर्पण करने के बाद लिपि सिंह को उनका लाने के लिए दिल्ली गई थी. लेकिन उस दौरान भी विवाद में फंस गई.
जब लिपि सिंह दिल्ली में अनंत सिंह को कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए सांसद के स्टिकर लगी गाड़ी से पहुंची. जिसके बाद बवाल मच गया है. इसके बाद बताया गया कि यह गाडी लिपि सिंह के पिता सांसद आरसीपी सिंह का है. लेकिन अनंत सिंह के समर्थकों और विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया कि लिपि सिंह ने जदयू के विधान पार्षद रणवीर नंदन की सफारी गाडी का उपयोग किया था. इस गाडी का इस्तेमाल उसके पिता करते हैं. जिसका रजिस्ट्रेशन रणवीर नंदन के नाम से था.
लिपि सिंह 2016 बैंच की आईएएस अधिकारी है. उनके पिता आरसीपी सिंह जदयू के राज्यसभा सांसद और पार्टी के कद्दावर नेता हैं. उनकी बड़ी बेटी लिपि सिंह हैं. लिपि सिंह के पति आईएएस ऑफिसर हैं उनका नाम सुहर्ष भगत है और वह बांका में बतौर जिलाधिकारी पदस्थापित हैं. पिता के प्रभाव के कारण शुरुआत के दिनों में बाढ़ में लिपि सिंह की पोस्टिंग हुई. इसके बाद लिपि सिंह को एसडीपीओ से सीधे मुंगेर का एसपी बना दिया गया. जबकि नियमानुसार उन्हें एएसपी के तौर पर किसी जिले में कुछ सालों तक सेवाएं देनी चाहिये थी. लेकिन शासन के प्रभाव के बदौलत वह एसडीपीओ से सीधे एसपी का पद संभालने लगीं और वह भी बडे़ जिले की कमान दे दिया गया.