बिहारः आदेश पर भारी लोक आस्था का महापर्व, श्रद्धालुओं के आगे झुका प्रशासन, खोलना पड़ा ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर का द्वार, हजारों श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य
By एस पी सिन्हा | Published: November 20, 2020 08:51 PM2020-11-20T20:51:59+5:302020-11-20T20:53:16+5:30
प्रशासन के उस आदेश को श्रद्धालुओं ने नहीं माना. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ वहां अर्घ्य देने पहुंच गई जिसके कारण प्रशासन को आज उसे हटाना पड़ा. आज यहां हजारों श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया.
पटनाः बिहार में आदेश पर लोकआस्था भारी पड़ा और कोरोना के कारण मंदिर में प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को प्रशासन को हटाना पड़ा है. दरअसल, औरंगाबाद में जिला प्रशासन के द्वारा ऐतिहासिक देव सूर्य कुंड में अर्घ्य देने पर रोक लगा दी थी.
प्रशासन ने मंदिर में ताला जड़ दिया था. यह आदेश जारी किया गया था कि देव सूर्य कुंड में इसबार अर्घ्य देने पर पाबंदी रहेगी. लेकिन प्रशासन के उस आदेश को श्रद्धालुओं ने नहीं माना. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ वहां अर्घ्य देने पहुंच गई जिसके कारण प्रशासन को आज उसे हटाना पड़ा. आज यहां हजारों श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार से ही छठ व्रतियों का यह पहुंचना शुरू हो गया थ. आज हजारों लोग देव में जमा हो गए. इस बीच प्रशासन के द्वारा जगह-जगह सूचना प्रसारित की जा रही थी कि देव सूर्य कुंड में अर्घ्य देने की व्यवस्था नहीं है और लोगों को लौटना होगा. इन सबके बीच व्रती अपने कार्य में जुटे रहे. कई लोगों ने उपलब्ध जगह पर ही अर्घ्य दे दिया.
शाम में भीड बढ़ने लगी तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया
लेकिन शाम में भीड बढ़ने लगी तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. स्थानीय पुलिस के अलावा कई पदाधिकारी लोगों को मनाने में जुट गए. लेकिन लोग उनकी सुनने को तैयार नहीं थे. ऐसे में सूचना मिलने पर एसडीओ, एसडीपीओ, डीटीओ अनिल कुमार सिन्हा के अलावे औरंगाबाद के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह पहुंचे.
विधायक ने भी आग्रह किया कि श्रद्धालुओं की आस्था देखते हुए गेट खोल दिया जाए ताकि वे लोग अर्घ्य प्रदान कर सके. सभी काफी दूर से आए हुए हैं और निर्जला उपवास में हैं. इसके बाद प्रशासन ने सशर्त अनुमति दे दी. गेट खोलने के बाद हजारों लोगों ने यहां अर्घ्य दिया. एक अनुमान के मुताबिक आज करीब 10 हजार से ज्यादा छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया है.
उल्लेखनीय है कि देव सूर्य मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में हुआ
यहां उल्लेखनीय है कि देव सूर्य मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में हुआ है. यहां प्रत्येक वर्ष कार्तिक छठ मेला में 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते थे. इस भीड़ को देखते हुए यहां अर्घ्य देने पर रोक लगाई गई थी. हालांकि जब भीड बढी तो प्रशासन ने अपने हाथ खडे़ कर दिए.
लोगों से आग्रह भी किया गया, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे. जिला प्रशासन ने कई महीने पूर्व से ही यह आदेश जारी कर दिया था और प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा था. छठ करने वाले ज्यादातर लोग सासाराम, गया, कैमूर सहित अन्य जिलों से आए थे. लोगों ने इस तरह की रोक की जानकारी होने से इंकार किया.