मधुबनी में हत्याकांडः होली के दिन 5 लोगों की निर्मम हत्या, तेज प्रताप यादव ने नीतीश कुमार को कहा- अंधा, बहरा और गूंगा
By एस पी सिन्हा | Published: April 4, 2021 08:13 PM2021-04-04T20:13:42+5:302021-04-04T20:24:22+5:30
बिहार के मधुबनी जिले के महमदपुर गांव में होली के दिन रंगों की जगह खून से होली खेली गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 30-35 की संख्या में आये अपराधियों द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग कर पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
पटनाः बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में होली के दिन 5 लोगों की हुई निर्मम तरीके से हत्या का मामला अब तूल पकड़ चुका है.
इस घटना को लेकर सत्ता पक्ष पर विपक्ष हमलावार है. दरअसल, महमदपुर गांव में होली के दिन रंगों की जगह खून से होली खेली गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 30-35 की संख्या में आये अपराधियों द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग कर पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. इस घटना के बाद से राजनीतिक दलों के नेताओं का दौरा लगातार महमदपुर गांव में हो रहा है.
उधर, एक तरफ जहां आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखे हमले किए हैं. इस हत्याकांड पर अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिसे मुद्दा बनाकर तेजप्रताप यादव ने बिना नाम लिये उनपर हमला किया है.
उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें सारी मर्यादाएं लांघते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी को मुद्दा बनाकर बहरा, अंधा और गूंगा तक जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया है. वहीं, इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मोहम्मदपुर गांव में सत्ता संरक्षित अपराधियों ने होली के दिन एक ही परिवार के पांच लोगों का नरसंहार किया है.
उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कड़ी निंदा की और दोषियों को गिरफ्तार कर कडी कार्रवाई की मांग की. जबकि कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने मधुबनी जिले के महमदपुर में होली के दिन हुए नरसंहार के दोषियों की अबतक गिरफ्तारी नहीं होने को सरकार की बडी विफलता बताया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे स्वयं इस मामले को देखे और परिजनों को न्याय और सुरक्षा प्रदान करें. उन्होंने घटना को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि जिस क्रूरता से अपराधियों ने पांच लोगों की निर्मम हत्या की वह सुनियोजित तरीके से अपराध को अंजाम देनेवालों के दुःसाहस को दर्शाता है.
इतने बडे़ आपराधिक घटना के बावजूद प्राथमिकी में दर्ज 35 नामजदों का पुलिस के गिरफ्त से अभी तक बाहर रहना सरकारी तंत्र की निष्क्रियता को साबित कर रहा है. इसबीच, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद सुशील मोदी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि दो वर्गों के बीच हुए आपसी वर्चस्व की लडाई में हत्या हुई है.
सत्ताधारी दल के नेता खुद घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार में कोई भी अपराधी बच नहीं सकता. इस मामले की जांच में पुलिस जुटी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
जल्द ही आरोपी सलाखों के पीछे होंगे. घटना के बाद पुलिस ने 35 आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. जिसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन मुख्य आरोपी प्रवीण झा अब भी फरार है. पुलिस ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. उधर, बिहार के दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अजिताभ कुमार ने महमदपुर गांव में जाकर बीते 29 मार्च को हुए हत्याकांड की छानबीन की. आईजी ने मतकों के परिजनों से मुलाकात कर कई सारी जानकारी ली.
उन्होंने कहा कि ये मामला जाति का नहीं बल्कि दो गुटों के आपसी रंजिश का है. पुलिस को जो भी सबूत मिले हैं, उसके आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. इस जघन्य हत्याकांड में बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर पद पर तैनात जवान की भी हत्या कर दी गई, जो होली के मौके पर छुट्टी लेकर घर लौटा था.
वहीं, एसपी सत्यप्रकाश ने बताया कि 10 से 12 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिसमें से 8 पकडे़ गए हैं. मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है. यहां बता दें कि पोखर में मछली पकड़ने के बर्चस्व की लड़ाई को लेकर होली के दिन करीब 35 लोगों ने बेनीपट्टी के मोहम्मदपुर गांव पर हमला कर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें गोली लगने से दो सगे भाई रणविजय सिंह और वीरेंद्र उर्फ वीरू सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. जबकि एक चचेरे भाई राणा प्रताप सिंह की भी मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी.
वहीं, राणा प्रताप सिंह के सहोदर भाई बीएसएफ में एएसआई रूद्र नारायण सिंह की भी मौत इलाज के दौरान हो गई. वह होली की छुट्टी में घर लौटे थे. इनके एक और भाई मनोज सिंह डीएमसीएच में भर्ती हैं, जिनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. इस घटना के बाद आज भी महमदपुर गांव में मातम का माहौल है. वही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. एक साथ 5 लोगों की हत्या से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.