बिहार विधान परिषद चुनावः राजद और कांग्रेस में सीट को लेकर फंसा पेच, तेजस्वी यादव 4 की पेशकश की, सहयोगी दल ने सात पर किया दावा
By एस पी सिन्हा | Published: January 10, 2022 06:16 PM2022-01-10T18:16:36+5:302022-01-10T18:17:51+5:30
Bihar Legislative Council elections: 2015 के विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिमी चम्पारण से चुनाव लड़ी थी.
पटनाः बिहार विधान परिषद चुनाव में सीटों को लेकर एकबार फिर से राजद और कांग्रेस आमने-सामने है. हालांकि, चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सत्ता पक्ष व विपक्षी दल के नेता अंदर ही अंदर उम्मीदवारों पर मंथन कर रहे हैं.
ऐसे में 2015 के समझौते के आधार पर राजद ने कांग्रेस के लिए चार सीटों की पेशकश की है. जबकि कांग्रेस सात सीटों की मांग कर रही है. बताया जाता है कि कांग्रेस की नाराजगी इस बात पर भी है कि राजद ने उसके दावे की कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार को तैयारी करने के लिए कह दिया है. वैसे राजद ने अबतक उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी नहीं की है.
लेकिन राजद ने कांग्रेस की सहमति के बिना ही उन जगहों के लिए नाम तय कर दिये हैं, जहां से कांग्रेस की दावेदारी है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि अभी तक राजद नेतृत्व से सिर्फ एक राउंड की ही बात हुई है. राजद प्रमुख ने जितना कहा था, कांग्रेस उतनी ही सीट की मांग कर रही है. लेकिन बिना सहमति के राजद की तरफ से उम्मीदवार देने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व कहीं न कहीं नाराज है.
राजद की तरफ से कांग्रेस वाली सीट पश्चिम चंपारण से अपना प्रत्याशी देकर सहयोगी दल कांग्रेस को साफ संदेश दे दिया है. ऐसे में कांग्रेस के पास चार सीटों पर ही समझौता करना होगा या फिर अकेले चुनाव लडने को तैयार रहना होगा. 2015 के विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिमी चम्पारण से चुनाव लड़ी थी.
इस बार कांग्रेस ने सहरसा से अपना दावा वापस ले लिया. दरभंगा, बेगूसराय, सीतामढ़ी और भागलपुर जैसी नई सीटों की मांग की है. भागलपुर भाकपा के कोटे में चली गई है. बिहार में विधानपरिषद की 24 सीटों पर चुनाव होने हैं. 2015 में राजद-कांग्रेस व जदयू एक साथ थी. लेकिन इस बार अभी तक कांग्रेस-राजद में समझौता नहीं हुआ है.
लेकिन राजद की तरफ से पश्चिम चंपारण को लेकर उम्मीदवार का नाम तय कर लिया गया है. एक फर्नीचर कारोबारी सौरभ कुमार को मैदान में उतार रहा है. इसी तरह दरभंगा और बेगूसराय में भी राजद के उम्मीदवार घूम रहे हैं. बिना कांग्रेस की सहमति के राजद की तरफ से उम्मीदवार देने पर कांग्रेस नेतृत्व सकते में है.
ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व कह रहा है कि राजद का पुराना रवैया है. राजद की तरफ से सहयोगी दलों से समझौता किये बगैर उम्मीदवार देने की रीति है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के सभी विकल्प खुले हुए हैं. अगर राजद से सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है तो सात या उससे अधिक सीटों पर भी कांग्रेस के उम्मीदवार उतर सकते हैं.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि विधान परिषद चुनाव को लेकर सीटों पर अभी तक समझौता नहीं हुआ है. राजद नेताओं से एक राउंड की बात हुई है. हमने उतनी ही सीटों की मांग की है जितना लालू प्रसाद पहले कह चुके हैं.
उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि कांग्रेस को 24 में से 6-7 सीटें दी जा सकती है. हमलोग राजद से बातचीत में इतनी सीटें ही मांगी है. लेकिन अभी तक सहयोगी दल राजद नेतृत्व की तरफ से हमारे प्रस्ताव पर कुछ भी नहीं कहा गया.