बिहार विधान परिषद चुनावः एनडीए ने महागठबंधन को दी करारी शिकस्त, जदयू के नीरज कुमार ने आजाद गांधी को हराया
By एस पी सिन्हा | Published: November 13, 2020 02:48 PM2020-11-13T14:48:10+5:302020-11-13T14:49:14+5:30
नीरज ने राजद के उम्मीदवार को 8 हजार वोटों से हराया है. शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के विधानपार्षद नवल किशोर यादव का कल ही परिणाम आ गया था. पटना शिक्षक निर्वाचन में आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में मौजूद थे.
पटनाः पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के नीरज कुमार चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने महागठबंधन प्रत्याशी आजाद गांधी को पराजित कर दिया. इस तरह से पटना शिक्षक और स्नातक सीट पर भाजपा और जदयू उम्मीदवार का कब्जा बरकरार रहा.
नीरज ने राजद के उम्मीदवार को 8 हजार वोटों से हराया है. चुनाव जीतने के बाद नीरज कुमार काफी खुश दिखे. इस दौरान उनके समर्थक जिंदाबाद के नारे लगाते रहे हैं. वहीं, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के विधानपार्षद नवल किशोर यादव का कल ही परिणाम आ गया था. पटना शिक्षक निर्वाचन में आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में मौजूद थे.
सभी को पछाड़ते हुए भाजपा के नवल किशोर यादव ने जीत दर्ज की. वे लगातार पांचवीं बार पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विजयी घोषित हुए. जबकि दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के कांग्रेस के डॉ. मदन मोहन झा 689 मतों से विजयी घोषित किए गए. तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी देवेश चंद्र ठाकुर ने जीत किया. तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से डॉ संजय सिंह ने किया जीत हासिल है. संजय सिंह ने ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को सदन में उठाऊंगा और मुकाम तक पहुंचाऊंगा.
नीरज कुमार को मात देने को लेकर चक्रव्यूह की रचना की गई थी
पटना स्नातक सीट से जदयू के सीटिंग उम्मीदवार नीरज कुमार को मात देने को लेकर चक्रव्यूह की रचना की गई थी. उन्हें घेरने को लेकर अघोषित रूप से योद्धा तैनात थे. घोषित तौर पर तो महागठबंधन के एक उम्मीदवार थे, लेकिन अघोषित तौर पर कई योद्धा जदयू उम्मीदवार की जीत के कारवां रोकने को बेताब थे. लेकिन जदयू उम्मीदवार नीरज कुमार मतदाताओं की ताकत की बदौलत चक्रव्यूह भेद दिया और सारे योद्धा मुंह ताकते रह गए. महागठबंधन की तरफ से आजाद गांधी अधिकृत प्रत्याशी थे, लेकिन वेंकटेश शर्मा को राबड़ी देवी का आशीर्वाद मिला हुआ था.
राजद के सूत्रों ने बताया कि चुनाव से कुछ समय पहले वेंकटेश शर्मा राबडी आवास जाकर उनका आशीर्वाद लिया था. जदयू प्रत्याशी की वोट सेंध लगाने को लेकर पूरी प्लानिंग के तहत वेंकटेश शर्मा को मैदान में उतारा गया था. जानकार बताते हैं कि जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार के बेटे ऋतुराज कुमार को भी इसी मकसद से पटना स्नातक सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था.
मकसद था कि स्वजातीय और जदयू के आधार वोटरों का बिखराव कर जदयू उम्मीदवार नीरज का रास्ता रोकना. विधानपरिषद के कार्यकारी सभापति के रिश्तेदार रविरंजन भी इसी चक्रव्यूह के हिस्सा थे. लेकिन पटना स्नातक सीट के मतदाताओं ने सबको धाराशायी कर एक बार फिर से नीरज कुमार में अपना विश्वास जताया है.
विधान परिषद का चुनाव जीतने के बाद पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि मेरी जीत राजनीति के लंपटीकरण वंशवाद और धनबल के खिलाफ है. इस स्नेह के लिए पटना स्नातक क्षेत्र के मतदाताओं को कोटि-कोटि आभार. नीरज ने आगे कहा कि तीसरी बार हमने चुनाव लड़ा. कुछ लोग अपने लिए नहीं अपने बेटा के लिए राजनीति कर रहे थे. नौवीं पास लोग स्नातक उम्मीदवार का टिकट बांट रहे थे. लेकिन स्नातक वोटरों ने धनबल और वंशवाद को करारी शिकस्त दी है.